भदोही: गोपीगंज थाने के लॉकअप में ऑटो चालक रामजी मिश्र की मौत और उसके बाद उपजे व्यापक जनाक्रोश से पुलिस बैकफुट पर आ गई है. मृतक की बेटी रेनू मिश्रा की तहरीर पर आरोपी कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील वर्मा पर हत्या का केस दर्ज किया गया है.
इस मामले में परिवार का आरोप है कि दो भाइयों में संपत्ति विवाद जब पुलिस के पास पहुंचा तब गोपीगंज पुलिस ने दोनों भाइयों को थाने पर बुलाया था. इसी दौरान संपति बांटने को लेकर दोनों भाइयो मे कहासुनी होने लगी, जिससे नाराज इंस्पेक्टर ने पहले छोटे भाई अशोक मिश्रा को पीटना शुरू कर दिया.
इस पिटाई का विरोध करने पर बड़े भाई रामजी मिश्रा को भी पुलिस ने परिवार के सामने पीटा और परिवार की महिलाओं को धमकाकर थाने से भगा दिया. इसके बाद आरोप है कि लॉकअप में रामजी मिश्रा की फिर पिटाई की गई, जिससे सदमे में उनको हार्ट अटैक आया और लॉकअप में ही रामजी मिश्रा की मौत हो गई.
मदद के लिए कई लोग सामने आए
मृत रामजी मिश्र के पीड़ित परिवार को मदद के लिए कई लोग सामने आए. रविवार को ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र उनके घर पहुंचे. उन्होंने अनाथ बेटे-बेटियों पढ़ाई का जिम्मा उठाने का भरोसा दिलाते हुए मदद के नाम पर साढ़े चार लाख रुपये का चेक सौंपा.
ज्ञानपुर विधायक सुबह 10 बजे मृतक के घर पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। मृतक की तीनों बेटियों और एक बेटे को एक-एक लाख रुपये सहायता राशि और पत्नी को 50 हजार का चेक दिया. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी वह खुद लेंगे. कहा कि अगर जिंदा रहा तो उनकी शादी भी करूंगा.