आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। काशी की पुरातन संस्कृति और आध्यात्म के साथ देश को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ने का केन्द्र बिन्दु आईआईटी, बीएचयू को बनना होगा। सौ वर्षों से इस परंपरा का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने निर्वाह किया है। इसका श्रेय महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को जाता है। भारत सरकार ने महामना को भारत रत्न देकर बीएचयू से जुड़े हर व्यक्ति समेत पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। ये बातें मुख्यमंत्री शनिवार को आईआईटी बीएचयू के ग्लोबल एलुमनी मीट व शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि तकनीकी जितनी सरल और सस्ती होगी उतनी ही समाज और देश के लिए सुलभ होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें प्रौद्योगिकी का बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश में बन रहे डिफेंस काॅरीडोर के नॉलेज पार्टनर के रूप में आईआईटी बीएचयू को जोड़ा गया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंद्रह फरवरी को झांसी में किया जाएगा। आने वाले सौ वर्षों में विज्ञान के क्षेत्र में किसी दिशा में आगे बढ़ना है इसका दृष्टिकोण आईआईटी बीएचयू को तय करना होगा। ताकी मानवता के कल्याण और दुनिया में महाशक्ति के बनने में योगदान दे सकें।
उन्होंने प्रौद्योगिकी संस्थानों से आह्वान किया कि साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर तकनीकी कैसे काम कर सकती है इस पर विचार किया जाना जरूरी है। निराश्रित गोवंश का संरक्षण कैसे हो। उनकी नस्ल, गोमुत्र, गोबर से बेहतर कम्पोस्ट और ईंधन का उपयोग सरलता से किया जा सके ऐसी सस्ती और सरल तकनीक पर शोध की आवश्यकता है। वर्तमान में प्रयागराज में मां गंगा का जल सबसे शुद्ध जल है। यह प्रौद्योगिकी के बल पर ही संभव हो पाया है। जल संरक्षण एक चुनौती है। जल स्त्रोंतो की रक्षा मानवता के लिए सबसे बड़ा कदम होगा। देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों को इस मामले में आगे आना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि आईआईटी (बीएचयू) के लगभग 30 हजार पुरा छात्र जो देश-विदेश के कोने-कोने में अपनी योग्यता का परचम लहरा रहे हैं उन्हें प्रत्येक वर्ष संस्थान में आमंत्रित कर काशी और प्रदेश से जोड़ना होगा, ताकि परंपरा के साथ आधुनिकता के सामंजस्य से ही देश का विकास संभव है।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 2022 मिशन की सराहना की और देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर एक बेहतर भारत बनाने में सहयोग की मांग की।इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ स्वतंत्रता भवन में शास्त्रीय संगीत किया गया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का श्री गणेश किया। इसके पश्चात पाणिनि कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने मंगलाचरण करते हुए सभा को गुंजायमान किया।
आरंभ में मुख्यमंत्री और अतिथियों का स्वागत संस्थान के बोर्ड आॅफ गर्वनर के सदस्य और आयोजन समिति के चेयरमैन श्री नितिन मल्होत्रा ने किया। उन्होंने बताया कि 50 से भी अधिक देशों में हमारे संस्थान के पुरा छात्र हैं। यूएसए की सिलिकॉन वैली में ही आईआईटी (बीएचयू) के दो हजार से अधिक पूर्व छात्र कार्यरत हैं। उन्होंने पुरातन छात्र श्री पंकज चन्द्र को अस्सी नदी के पुनरुद्धार के लिए 3 करोड़ की सहायता राशि के लिए धन्यवाद दिया। श्री मल्होत्रा ने संस्थान में बनने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए आगामी उत्कृष्टता केंद्र की जानकारी साझा की।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने राष्ट्र के औद्योगिकरण में संस्थान के योगदान की चर्चा की। उन्होंने बताया कि संस्थान उद्देश्य और प्राथमिकता रिसर्च, इनोवेशन और बेहतर स्टार्टअप के लिए उपयुक्त मंच प्रदान करना है। उन्होंने प्रदेश के डिफेंस काॅरीडोर में नॉलेज पार्टनर होने, संचार मंत्रालय के साथ एमओयू और अमेजन एशिया समेत कई और संस्थाओं के साथ आईआईटी के समझौतों के बारे में बताया।
उन्होंने वास्तु-विद्या विभाग, मालवीय रक्षा अनुसंधान केन्द्र और सेंटेनरी इनोवेशन पार्क के बारे बताते हुए मुख्यमंत्री से स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए नोएडा में भूमि की मांग की।कार्यक्रम के दौरान शताब्दी समारोह से जुड़ी पुस्तिका ’सोवनियर’ का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। अंत में संस्थान के संसाधन और पुरा छात्र के अधिष्ठाता प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में मंच पर गुजरात से भाजपा के पूर्व विधायक सुनील ओझा समेत सभागार में अधिष्ठाता प्रोफेसर राजीव प्रकाश, कुलसचिव डाॅ एसपी माथुर समेत देश-विदेश से आए करीब 300 एलुमनाई, शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।