आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) ने QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026 में उल्लेखनीय सुधार दर्ज करते हुए वैश्विक स्तर पर शानदार उपलब्ध हासिल की है। संस्थान ने पिछले वर्ष की 784वीं रैंक की तुलना में इस वर्ष 112 पायदान की प्रगति दर्ज की है, जो सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक प्रभाव के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर, IIT (BHU) ने इस वर्ष 103 भारतीय संस्थानों में 21वीं रैंक हासिल की है, जबकि पिछले वर्ष यह 26वें स्थान पर था। यह वृद्धि संस्थान के शैक्षणिक गतिविधियों, अनुसंधान, परिसर विकास और संस्थागत प्रशासन में सतत प्रथाओं के बढ़ते एकीकरण का परिणाम है।
मुख्य सस्टेनेबिलिटी मापदंडों पर संस्थान के प्रदर्शन को रेखांकित करते हुए, प्रो. विकाश कुमार दूबे, वाइस-चेयरमैन, इंस्टीट्यूट रैंकिंग्स कमेटी ने कहा कि IIT (BHU) ने इस वर्ष कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। एनवायरनमेंटल इंपैक्ट मीट्रिक में संस्थान ने पिछले वर्ष की वैश्विक रैंक 667 से बढ़कर इस वर्ष 492वीं रैंक प्राप्त की है, जो पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के सतत उपयोग में बढ़ते प्रयासों को दर्शाती है।
एनवायरनमेंटल रिसर्च पैरामीटर के तहत IIT (BHU) की रैंक 487 से सुधरकर 478 हो गई है, जो वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों पर केंद्रित अनुसंधान उत्पादन में हुई वृद्धि को इंगित करती है। एम्प्लॉयबिलिटी एंड ऑपर्च्युनिटी सूचक में भी संस्थान ने महत्वपूर्ण सुधार करते हुए पिछले वर्ष के 1001+ समूह से बढ़कर इस वर्ष वैश्विक रैंक 687 प्राप्त की है, जो सामाजिक प्रभाव और अवसर सृजन में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है।
उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, प्रो. अमित पात्रा, निदेशक, IIT (BHU) एवं चेयरमैन, इंस्टीट्यूट रैंकिंग्स कमेटी ने कहा कि “QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026 में हमारी निरंतर प्रगति केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय उत्तरदायित्व, सतत नवाचार और सामाजिक प्रभाव के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। हम परिसर को और अधिक हरित, ऊर्जा-कुशल एवं सतत बनाने की दिशा में सतत कार्य कर रहे हैं। मैं सभी संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों की सराहना करता हूँ। निरंतर टीमवर्क और समर्पण के साथ मुझे विश्वास है कि IIT (BHU) आने वाले वर्षों में वैश्विक सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स में और भी ऊँचे स्थान पर पहुँचेगा।
यह उपलब्धि IIT (BHU) के दीर्घकालिक सतत विकास के दृष्टिकोण को और मजबूत करती है और संस्थान की पर्यावरण-सचेत, सामाजिक रूप से उत्तरदायी और नवाचार-प्रधान संस्थागत प्रगति की दिशा में नेतृत्वकारी भूमिका को सुदृढ़ करती है।

