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हमेशा के लिए खामोश हुई वकालत की सबसे बुलंद आवाज़

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एवं पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में रविवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जेठमलानी की गिनती देश के मशहूर आपराधिक मामलों के वकीलों में होती थी। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने बताया कि आज शाम लोधी रोड के शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने राम जेठमलानी के निधन पर शोक जताया है।

पाकिस्‍तान में जन्‍म, विभाजन के समय भारत आए-

जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था। विभाजन के समय वे भारत में आ गए थे। 1959 में नानावती केस के साथ जेठमलानी की पहचान बन गई। धीरे-धीरे वे देश में आपराधिक मामलों के दिग्‍गज वकील बनते चले गए।

लड़े कई बड़े मुकदमे-

सात दशक के अपने लंबे कॅरियर में उन्‍होंने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपितों से लेकर संसद हमले के मामले में अफजल गुरु और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में अमित शाह के मुकदमे लड़े। बिहार की बात करें तो जेठमलानी ने लालू प्रसाद के लिए चारा घोटाला में पैरवी की।

कानून मंत्री व राज्‍यसभा सांसद भी रहे-

जेठमलानी केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कानून मंत्री रहे थे। वे बार काउंसिल के चेयमैन भी रहे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से उनकी करीबी रही। लालू ने उन्‍हें राज्‍यसभा भी भेजा। लेकिन इन दिनों जेठमलानी स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से सक्रिय राजनीति से दूर थे।

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