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विधानसभा चुनाव : इंटरनेट और स्मार्ट फोन ने दावेदारों को भी बनाया स्मार्ट

अरशद आलम

मौसम में भले इस समय ठंड पड़ रही हो लेकिन विधानसभा चुनावों की आहट ने गांव से लेकर शहर तक में गर्मी फैला रखी है। नेताओं ने कमर कस ली है तो कार्यकर्ताओं ने भी अपने नेता को जिताने के लिए दिन-रात एक कर दिया है। चुनावी मौसम में तथाकथित मौसमी नेता भी बाहर आ चुके हैं और क्षेत्रों में घूमते देखे जा सकते हैं।

तकनीकी के युग में इन नेताओं को एक अच्छा मददगार मिल चुका है। वह है सोशल मीडिया। तकनीक के बढ़ते चलन से विधानसभा चुनाव भी  अछूता नहीं रह गया है। तारीखें भले अभी घोषित ना हुई हो लेकिन भावी प्रत्याशी अभी से कैंपेनिंग में पूरा जोर तो लगाए ही हैं, साथ ही सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय हैं। फेसबुक-व्हाट्सएप और ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप और वाक युद्ध जारी है। नेता खुद को अव्वल बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे तो इस नूरा-कुश्ती में जनता भी खूब दिलचस्पी ले रही है।

समर्थकों के अलग ग्रुप, दिन भर में 200-300  तक संदेश

प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर सोशल मीडिया पर समर्थक सक्रिय हो गए हैं।समर्थक व्हाट्सएप पर बाकायदा ग्रुप बनाकर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ रहे हैं,  ताकि मत आकलन का अनुमान सही प्रकार से लग सके, इन ग्रुप में जैसे ही कोई समर्थक अपने पक्ष वाले प्रत्याशी की जीत का दावा करता है, वैसे ही दूसरी पार्टी से जुड़े समर्थक इस पर कटाक्ष कर देते हैं। कुछ ही देर में तमाम पार्टियों के  समर्थकों की प्रतिक्रियाएं आने लगती हैं।देखते ही देखते समर्थकों के बीच सोशल वार जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। इन ग्रुप्स में दिन भर में 200 से 300 तक संदेश गिर रहे हैं।

फेसबुक पर भी चुनावी सरगर्मी  तेज हो गई है ,और क्षेत्र में कराये गए काम से लेकर समाजसेवा के क्षेत्र में किये गए काम की फ़ोटो फेसबुक पर जमकर अपलोड की जा रही है साथ अच्छी छवि वाले पुरखो की फ़ोटो का भी प्रत्याशी जमकर सदुपयोग कर रहे है।

सोशल मीडिया हैंडलिंग के लिए भी टीम

नेताओं ने बाकायदा कुछ तेजतर्रार लड़कों को फेसबुक, ट्वीटर और व्हाट्सएप ग्रुप के संचालन हेतु नियुक्त भी किया है,जहां वह दिन रात अपने-अपने प्रत्याशियों की सोशल मीडिया पर फिजा बनाने में लगे है। नेताजी की दिन भर की भागदौड़, जनसंपर्क और बड़े नेताओं से मुलाकातें लगातार सोशल मीडिया पर अपडेट हो रही हैं। इसके साथ ही सुबह और शाम के सुविचारों की भी बाढ़ आ गई है।

भावी प्रत्याशियों ने कार्यकर्ता से लेकर मीडिया के बनाए ग्रुप

लोगों को टेक्नोसेवी होता देख उम्मीदवार व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर  जनसंपर्क में लगे हैं। भावी प्रत्याशियों ने अलग-अलग कैटेगिरी के हिसाब से व्हाट्सअप ग्रुप बनाये हैं।

इनमें कार्यकर्ता का अलग, मीडिया का अलग और क्षेत्र के प्रमुख लोगों को जोड़ते हुए अलग ग्रुप बनाया गया है। जिस पर प्रत्याशी हर समय अपडेट रहते हैं।

जनसंपर्क की जानकारी भी करते हैं शेयर

मीडिया ग्रुप पर प्रत्याशी अपनी पूरे दिन भर की अपडेट डालते हैं। उसमें क्षेत्र में जनसंपर्क की जानकारी से लेकर लोगों से किए गए वादों की भी सूची और वार्ता को लिखकर अपडेट कराते हैं। प्रत्याशियों ने इन ग्रुप्स में क्षेत्रीय पत्रकारो से लेकर क्षेत्र में हनक रखने वाले मानिंद लोगो तक को जोड़ा हुआ है।

कार्यकर्ताओं का है अलग ग्रुप, देते हैं तैयार रहने की जानकारी

इसके साथ ही व्हाट्सएप पर कार्यकर्ताओं का अलग ग्रुप है। इस पर अगले दिन की प्लानिंग की जाती है। जिसे क्षेत्र में पहुंचने से पहले सभी कार्यकर्ता व्यवस्था बना सकें।इसके साथ ही क्षेत्र के कुछ प्रमुख लोगों के लिए भी ग्रुप बनाये गए हैं। जिन्हें समय-समय पर जनसंपर्क और लोगों को जुटाने की जिम्मेदारी दी जाती है।

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