यूपी का कुख्यात डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत जेल में हत्या कर दी गई. आज पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी. मुन्ना बजरंगी को रविवार झांसी जेल से बागपत लाया गया था.
उसे तन्हाई बैरक में कुख्यात सुनील राठी ओर विक्की सुंहेड़ा के साथ रखा गया था. इस हत्या के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बागपत जिला जेल के जेलर, डिप्टी जेलर सहित चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.
मुन्ना बजरंगी मर्डर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने कहा कि सोमवार सुबह करीब छह बजे सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी के बीच विवाद हुआ था. इसमें सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी पर कई राउंड फायर कर उसकी हत्या कर दी. गोली मारने के बाद सुनील राठी ने हत्या में इस्तेमाल हथियार गटर में फेंक दिया.
एडीजी जेल ने कहा कि ये घटना जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक है. मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिन्दर सिंह, वार्डन माधव कुमार को निलंबित कर दिया गया है. पूरी घटना की न्यायिक जांच होगी. वहीं पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल के साथ वीडियो रिकॉर्डिंग में होगा.
उधर घटना के फौरन बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जेल में हुई हत्या बहुत गंभीर मामला है. मामले की गहराई से जांच होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’
बता दें मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज है. मुन्ना बजरंगी पूरे यूपी की पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ था. वह लखनऊ, कानपुर और मुंबई में क्राइम करता था. सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूलने का भी आरोप था.