नई दिल्ली। लोकसभा ने ‘राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) संशोधन विधेयक-2017’ को पारित कर दिया। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सदन में कहा कि इससे बीएड, डीएड, एमएड तथा कई अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर चुके उन विद्यार्थियों को राहत मिलेगी जिनके संस्थान के पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त नहीं थी।
संशोधन विधेयक में 20 केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है, जिनके शिक्षण पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त नहीं थे। संशोधन विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे बड़ी तादाद में विद्यार्थियों को फायदा होगा।
सरकार ने संस्थानों से कहा है कि वह अपनी जिम्मेदारी को समझे और यह कदम सिर्फ एक बार के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल से बीए-बीएड, बीकॉम-बीएड व बीएससी-बीएड का एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी कहा कि शिक्षा नीति का मसौदा लगभग तैयार हो चुका है।