आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। अक्सर विवादों में रहने वाली बीएचयू चीफ प्रॉक्टर रायना सिंह एक बार से फिर विवादों के घेरे में फंसती नज़र आ रही है। मामला सुरक्षकर्मियो की वर्दी का है। जिसको लेकर एक बार फिर किरकिरी हो रही है।
बताया जाता है कि चीफ प्रॉक्टर रायना सिंह की सुरक्षा में तैनात प्रॉक्टोरियल बोर्ड के गार्ड अनुचित तरीके से सेना की हूबहू वर्दी धारण कर उनके साथ या अकेले घूमते रहते है। सेना की वर्दी पहने इन गार्डो को देखकर सभी लोग सेना का जवान ही मान लेते हैं।
वही दूसरी ओर रायना की इस हरकत से बीएचयू परिसर और परिसर के बाहर तेजी से चर्चा होने लगी है कि नियम कानून को ताख पर रखकर सिर्फ रूआब दिखाने के लिए वो सुरक्षा गार्डों को सेना की वर्दी पहना रही है।
पहले भी वर्दी विवाद में रही-
बीएचयू गार्डो की वर्दी को लेकर यह पहला मसला नहीं है। इनकी वर्दी को लेकर विवाद काफी समय से रहा है। गार्ड पहले खाकी वर्दी पहनते थे। पुलिस की हूबहू वर्दी पहनने के चलते कैंपस में किसी बात को लेकर हंगामा या लाठीचार्ज होने की स्थिति में यह पता ही नहीं चल पाता था कि डंडा पुलिस ने चलाया या फिर गार्डो ने।
एसएसपी की चेतावनी पर उतरा था वर्दी-
खाकी के अवैध इस्तेमाल को देखते हुए वाराणसी के पूर्व एसएसपी आरके भारद्वाज ने बीएचयू गार्डो को पुलिस जैसी वर्दी नहीं पहनने की चेतावनी दी थी। एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि वर्दी का रंग नहीं बदला तो कार्रवाई होना तय है। इसके बाद बीएचयू के गार्डो ने पुलिस की हूबहू वर्दी उतार दिया था।
सेना की वर्दी नहीं पहन सकते सब- कर्नल वीके ब्याला (रिटा.)
द प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेग्यूलेशन एक्ट 2005 (पसरा एक्ट ) के अधिनियम की धारा 21 के तहत कोई व्यक्ति,प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड या सुपरवाइजर आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, पुलिस या किसी अन्य सशस्त्र बल के समान या मिलती जुलती वर्दी नहीं पहन सकता। अगर वह ऐसा करता है तो जुुर्माना या दंड का भागी होगा। सेना की वर्दी सिर्फ सेना के जवान ही पहन सकते है। बीएचयू गार्ड अगर सेना की वर्दी पहन रहे है तो ये नियम का उल्लंघन हैं।
बहरहाल अब देखना होगा कि संज्ञान में आने पर इस बार भी पुलिस प्रशासन कोई एक्शन लेता है कि नही ?