आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: लगभग 6 साल पहले बीएचयू के भारत कला भवन से चोरी हुए 11 मुगलकालीन चांदी के सिक्को मे से 8 सिक्को का आजतक कोई सुराग नहीं है। जानकार सूत्रों के अनुसार कला भवन से गायब हुए सिक्को की कीमती करोड़ो में है।
बताया जाता है कि 22 मई 2012 को बीएचयू के भारत कला भवन से मुगलकालीन चांदी के 11 सिक्के चोरी होने पर हड़कंप मच गया था। पुलिस ने मुद्रा वीथिका के इंचार्ज की तहरीर पर चोरी का मुकदमा दर्ज किया था।
हालांकि पुलिस की सख्ती पर कुछ देर बाद ही भवन के पश्चिमी द्वार से तीन सिक्के बरामद हो गए थे।
इस मामले में पुलिस ने जहां भवन में कार्यरत कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट लिए थे, वहीं घटना वाले दिन म्यूजियम में आने वाले विजिटरों की सूची भी मंगाई थी। इसके साथ ही तीन चौकीदारों की भूमिका संदिग्ध मानकर उनसे भी पूछताछ की गई थी, फिर भी मामला सिफर निकला।
हैरानी की बात तो यह है कि मामले को लगभग 6 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी शायद पुलिस के हाथ खाली हैं।
पुलिस से लेकर BHU के अधिकारी साधे है चुप्पी
चोरी की इस बड़ी वारदात पर इस समय कोई भी कुछ बोलने को तैयार नही। इस मामले में क्या हुआ…? सिक्के मिले की नही..? किसी की गिरफ्तारी की गई या नही..? किसने वारदात को अंजाम दिया था..? ऐसे ही कई सवालों का जवाब देने में लंका पुलिस और भारत कला भवन के अधिकारी बचते नज़र आ रहे हैं। सवाल पूछने पर सब चुप्पी साध लेते है।
स्क्रू खोल कर उड़ा दिए थे सिक्के
भारत कला भवन में प्राचीन सिक्कों को शो केस के अंदर स्क्रू से कसा गया था। शो केस भी बंद था। चोर ने पूरी फुसर्त से शो केस को खोला और अंदर स्क्रू से कसे गए सिक्कों को खोल कर चुरा लिया। सूत्रो की माने तो इतनी फुसर्त के साथ चोरी को अंजाम देने का काम कोई अंदर का व्यक्ति ही किया था।