संतोष
वाराणसी। आरटीआई का फर्जी जवाब देने को लेकर बीएचयू के दो अधिकारियों के बीच जंग छिड़ गयी है। मामले का खुलासा तब हुआ जब गुरुवार को उप कुलसचिव शिक्षण बीएचयू का एक पत्र डाक द्वारा आवेदक को मिला।
दरअसल समाजसेवी व पत्रकार आशुतोष त्रिपाठी बीएचयू ट्रामा सेंटर में अपने साथ हुए आपराधिक व्यवहार के मामलें पर लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया और बीएचयू के वीसी से शिकायत किया था। जिसमें कार्रवाई की जानकारी के लिए केंद्रीय जन सूचना अधिकारी बीएचयू से आरटीआई द्वारा सूचना मांगा हैं।
उप कुलसचिव ट्रामा सेंटर ने आवेदक आशुतोष को जवाब में पत्र भेजा जिसमें लिखा हैं कि संबंधित प्रकरण की जांच समिति में पीके सिन्हा उपकुलसचिव शिक्षण सदस्य सचिव नियुक्त किए गए हैं। आरटीआई आवेदन पत्र को अपने स्तर से सीधे निस्तारण करते हुए आवेदक के साथ अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय को भी सूचित करें।
फर्जी सूचना उपलब्ध कराई गई
आशुतोष जब इस मामले को लेकर पीके सिन्हा से मिले तो उन्होंने कहा कि आपको फर्जी सूचना उपलब्ध कराई गई है मुझे इस मामले में सदस्य सचिव नियुक्त नहीं किया गया। गलत लपेटा जा रहा है।
उप कुलसचिव ने किया जवाब-तलब
गलत सूचना देने व मामलें में अपना नाम घसीटने पर पीके सिन्हा ने उप कुलसचिव ट्रामा सेंटर को पत्र जारी करते हुए पूछा है कि किस आधार पर आपने मुझे संबंधित घटना की जांच समिति का सदस्य सचिव संबोधित किया है।
वहीं दूसरी तरफ आशुतोष ने कहा है कि शिक्षा के मंदिर में सत्य और कर्तव्यनिष्ठा की सीख दी जाती है लेकिन यहां के अधिकारी भ्रष्ट हो चुके हैं। सत्य की बजाय असत्य के मार्ग पर चल रहे हैं। फर्जी सूचना देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्यवाही करूंगा ताकि इन्हें सबक मिल सके।