BHU के रिसर्च का दावा: अब हर्बल धूपबत्ती करेगी कोरोना से बचाव

बीएचयू के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि 19 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल धूप एयरवैद्य कोरोना से बचाव में कारगर पाई गई है. इसे जलाने से न सिर्फ कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है, बल्कि यदि घर में कोरोना का रोगी हो तो दूसरे को संक्रमण फैलने का खतरा भी टल जाता है.

बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के रस शास्त्र विभाग के डॉ. केआरसी रेड्डी के नेतृत्व में एमिल फार्मास्युटिकल के सहयोग से यह शोध किया गया है. आईसीएमआर की क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री (सीटीआरआई) से पंजीकरण मिलने के बाद इस 19 जड़ी-बूटियों से निर्मित एयरवैद्य हर्बल धूप (एवीएचडी) के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल पूरे किए गए हैं.

दो ग्रुप में हुआ अध्ययन-

दो ग्रुप में हुए अध्ययन के बारे में डॉ. रेड्डी ने बताया कि कंट्रोल ग्रुप में 100 स्वस्थ वयस्क व्यक्ति शामिल किए गए .जबकि इंटरवेंशन ग्रुप में 150 व्यक्ति शामिल किए गए. इंटरवेंशन ग्रुप को एयरवैद्य के धुएं का दस-दस मिनट का सेवन सुबह-शाम कराया गया. जबकि दूसरे समूह को एयरवैद्य नहीं दी गई. दोनों समूहों को सामान्य कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने को कहा गया.

एक महीने बाद जो नतीजे निकले वह चौंकाने वाले थे. इंटरवेंशन ग्रुप में सिर्फ छह लोगों यानी चार प्रतिशत में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण पाए गए, जबकि कंट्रोल ग्रुप में 37 लोगों यानी 37 फीसदी लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखे. उन्हें  बुखार, खांसी, सर्दी, की शिकायत हुई थी. एयरवैद्य के धुएं से होने वाले संभावित नुकसान के आंकलन के लिए ड्रोसेफिला मक्खियों पर भी अध्ययन किया गया और पाया गया है कि यह पूर्णत: दुष्प्रभाव रहित है.

पहली बार भारत में हुआ है शोध-

डॉ. रेड्डी ने बताया कि भारत सहित पूरी दुनिया में पहली बार कोविड-19 और धूपम चिकित्सा पर शोध हुआ है जिसके तीन प्रमुख नतीजे निकलते हैं. एक एयरवैद्य धूप से कोविड संक्रमण या अन्य किसी वायरल संक्रमण का खतरा बेहद कम हो जाता है.

दूसरे, इससे कोरोना का प्रसार कम होता है क्योंकि एयरवैद्य के इस्तेमाल से हवा में मौजूद कोरोना वायरस निष्क्रिय हो जाता है. ऐसे में यदि घर में कोई कोरोना रोगी है तो परिवार के अन्य सदस्यों में इसके फैलने का खतरा शून्य के बराबर हो जाता है. तीसरा फायदा यह है कि एयरवैद्य धूप शरीर में प्रवेश करने वाले वायरस को गले से फेफड़ों तक पहुचने से भी रोकती है.