आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: बीएचयू में छात्रों के सस्पेंशन व डिबार का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। छात्र सेंट्रल ऑफिस के बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठे हुए हैं। बीएचयू प्रशासन ने जनवरी 2016 के बाद परिसर में हुए अलग-अलग मामलों को लेकर पिछले दिनों 72 छात्र-छात्राओं को संस्पेंड व डिबार किया था।
मिली जानकारी के अनुसार छात्र बीते 24 घंटे से भूखे प्यासे अनशन पर बैठे हैं। लगातार हो रही बारिश में भी वो अपनी जगह से नहीं हट रहे। उनका कहना है कि छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ने वालों को फर्जी तरीके से फंसाया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझ कर गलत कार्रवाई की है, जिसे तत्काल वापस लेना चाहिए, यदि आदेश वापस नहीं लिया गया तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल किया जाएगा।
उधर बीएचयू प्रशासन ने बातचीत कर अनशन समाप्त करने को कहा लेकिन छात्र नहीं माने। उन्होंने कुलपति से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने तथा चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह समेत मनमानी करने वाले तमाम अधिकारियों को उनके पद से हटाने की मांग की है।
छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हम लोगो की जायज मांग नही मानी गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
शनिवार को केंद्रीय मंत्रियों का दौरा
वहीं शनिवार को बीएचयू को एम्स का दर्जा दिए जाने को लेकर बीएचयू में मानव संसाधन विकास मंत्रालय व स्वास्थ्य मंत्रालय के मंत्रियों का दौरा होने वाला है। केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर भी अब छात्रों की भूख हड़ताल विवि के लिए चिंता का सबब बन रहा है।