गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को झटका दिया है. मेहसाणा के विधायक के दफ्तर पर तोड़फोड़ मामले में हार्दिक पटेल की सजा पर रोक से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। इसके चलते हार्दिक पटेल की लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। वो जामनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
दरअसल निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हार्दिक पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सजा से राहत दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। निचली अदालत ने हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई थी।
प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार हार्दिक पटेल चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो चुके हैं। हार्दिक पटेल हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। जामनगर रैली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा था।
हालांकि हार्दिक के पास अभी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है। पिछले साल जुलाई में गुजरात की एक अदालत ने मेहसाणा के भाजपा विधायक के दफ्तर पर हमला करने के आरोप में हार्दिक पटेल और उनके दो अन्य साथियों को दोषी ठहराते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन्हें 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।