आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी के गंगा घाट तो हमेशा से ही जीवंत है पर अब गंगा के उस पार रेत भी जीवंत नजर आ रहे है क्योंकि हर साल की तरह इस बार भी गुरु राम छाटपार शिल्पन्यास की ओर से “रेत में आकृति की खोज” का आयोजन हुआ। जिसमे सैकड़ों युवा कलाकारों ने रेत पर संवेदनाओं को आकार दिया।
इस कार्यक्रम में तीन साल के अगस्त्य पाठक ने अपनी अद्भुत कला से सबको मोहित कर दिया और कार्यक्रम में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी का पुरस्कार जीता।
अगस्त्य ने अपनी डिज्नी थीम वाली रेत की किला बनाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। जूरी ने उनकी कला की बहुत प्रशंसा की और उन्हें सबसे कम उम्र के प्रतिभागी का पुरस्कार दिया।