बंगलूरू: भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने ही वाला था कि अचानक केवल 2.1 किलोमीटर दूर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया। जिसके बाद कंट्रोल रूम में मायूसी छा गई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी इसरो मुख्यालय में मौजूद थे। इसके बाद सुबह एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे।
इसरो कंट्रोल रूम से देश को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जब बाहर निकले तो उन्हें गाड़ी तक छोड़ने आए इसरो चीफ काफी गंभीर थे। मानों मिशन की असफलता के लिए वो खुद को जिम्मेदार मान रहे हों।
इस बीच प्रधानमंत्री के गले लग सिवन फफक कर रो पड़े तो उन्हें शांत कराते, धैर्य बंधाते प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह उन्हें सीने से चिपका लिया और पीठ पर एक के बाद एक कई थाप देते हुए भविष्य की योजनाओं पर काम करने का हौसला दिया।