दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 6 दिन से एलजी के घर में हड़ताल पर हैं, इसपर टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ये धरना है या हड़ताल और क्या इसकी कोई अनुमति ली गई या खुद ही तय कर लिया गया.
कोर्ट ने पूछा कि अगर ये खुद व्यक्तिगत रूप से तय किया गया (केजरीवाल और मंत्रियों द्वारा) फैसला है तो ये एलजी के घर के बाहर होना चाहिए था. क्या एलजी के घर के अन्दर ये धरना करने के लिए इजाजत ली गई है ? हाईकोर्ट ने कहा कि आप कैसे किसी के घर या दफ्तर में जाकर हड़ताल पर बैठ सकते हैं.
उन्होंने सीधा सवाल किया कि जैसे ट्रेड यूनियन अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठती है, क्या ये वैसी ही हड़ताल है. धरने पर बैठने का फ़ैसला कैबिनेट का है या ये व्यक्तिगत फ़ैसला है. कोर्ट की ओर से कहा गया है कि इसका जल्द से जल्द कोई समाधान ढूंढा जाना चाहिए.
High Court to Delhi Government Lawyer: This can’t be called a strike. You can’t go inside someone’s office or house and hold a strike there.
— ANI (@ANI) June 18, 2018
सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि IAS ऑफिसर्स हड़ताल पर नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि उस मामले में हम IAS एसोसिएशन को भी पार्टी बना रहे है और सुनवाई शुक्रवार को करेंगे.
Delhi Govt Lawyer: IAS officers yesterday accepted they are not attending meetings called by ministers
Delhi High Court: Thing is that you’re sitting on a dharna. Who authorized them to sit on a dharna like this?
Lawyer: It’s an individual decision.
Delhi HC: Is it authorized?— ANI (@ANI) June 18, 2018