वाराणसी : श्री सर्वेश्वरी समूह, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव, वाराणसी के पुनीत प्रांगण में रविवार को कुष्ठ निवारण दिवस संस्था के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी के निर्देशन में श्रद्धापूर्वक मनाया गया I इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने अपने आशीर्वचन में कहा- यहाँ पर जो सेवा हो रही है- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक लोग इससे जुड़े हैं। आपलोगों की सेवा में जो हमारे सहयोगी हैं- बाहरी चिकित्सक हों- चाहे एलोपैथिक हों, आयुर्वेदिक हों, कोई भी पद्धति के हों- उनसे भी हमलोग परामर्श लेते रहते हैं कि अच्छे-से-अच्छा क्या हो सकता है? इस रोग के साथ और भी जो रोग होते हैं उनको दूर कैसे किया जा सकता है?
हमारे यहाँ आने-जाने वाले परिचित लोगों की भी हमलोग सहायता लेते हैं- आपकी जो दवाएं बनती हैं हमारे यहाँ उसमें अच्छी-से-अच्छी दवा कहाँ उपलब्ध होगी- बनारस हो, चाहे कोलकाता हो, मध्य प्रदेश हो, छत्तीसगढ़ हो, उत्तराखंड हो, जहाँ से भी उपलब्ध हो सकता है- आपलोगों के लिए औषधियों की व्यवस्था, इस आश्रम में बनाने वाली औषधियों की व्यवस्था बड़े मनोयोग से की जाती है और शुद्धता और सफाई का इसमें विशेष ध्यान दिया जाता है। हमारे मन-मस्तिष्क भी अच्छे हों तो कार्य और अच्छा, सुन्दर और सुगम रूप से होता है। विशेषकर आपलोगों के रोग में सुन्न होने के कारण कष्ट महसूस नहीं होता है। लेकिन देखने में वह बहुत भयंकर और कष्टदायक लगता है। उसमें यदि आपलोग सही समय पर दवा लें, सही रहन-सहन और सही खान-पान रखें तो जल्दी स्वास्थ्य लाभ होगा। आपलोगों को यहाँ अध्यात्म की ऐसी व्यवस्था भी मिलती है जो आदमी को उच्चतर स्थिति में ले जाती है।
धीरे-धीरे आपकी स्थिति बदलती रहती है। एक जन्म में नहीं तो दूसरे में, तीसरे में, ऐसा भी होता है। इस जन्म में भी हमलोग बहुत कुछ चीजों को प्राप्त कर सकते हैं, आगे तक जा सकते हैं। हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अष्टावक्र जी भी थे- आठ जगह उनकी शरीर में विकृति थी, फिर भी उन्होंने अपने संस्कारों के हिसाब से उस ज्ञान को प्राप्त किया था। वैसे ही आपलोग अपने-आपको निरीह न समझें, निराश न हों। आपलोगों के खान-पान में कई चीजों को जैसे नमक, चीनी, खट्टी चीजें आदि नहीं दिया जाता है। तो ऐसा केवल आपलोगों के साथ ही नहीं है।
जिसको डायबिटीज है, किडनी खराब है, जिसका लीवर खराब है, जिसका दिल खराब है तो उसके हिसाब से उनको कई चीजें मना रहती हैं। तो यह केवल आपलोगों के साथ ही प्रतिबन्ध नहीं है। हमारा रहन-सहन, मानसिकता और बात-विचार सही होना चाहिए जिससे कि हमलोग स्वस्थ रहें। अपने शरीर के लिए कुछ व्यायाम, योगासन वगैरह भी जरुरी है। आपलोग को भी बैठाया नहीं जाता है, आपलोग को भी कार्यरत रखा जाता है कि आपका अभ्यास बना रहे, शरीर स्वस्थ रहे। आपलोग भी अपना खेती-बारी, सब्जी उगाई, साफ-सफाई, सबकुछ अपने हाथों से करते हैं। तो ऐसी ही सब प्रेरणा यहाँ दी जाती हैं। मनन करें, चिंतन करें, उस पर चलने का प्रयत्न करें। इसी के साथ आपलोगों के अच्छे स्वास्थ्य और मंगलमय भविष्य की कामना करता हूँ। पूर्वाह्न 11 बजे पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी की उपस्थिति में आयोजित इस गोष्ठी की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के अवकासप्राप्त अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. वीपी सिंह ने की और इसमें शिव प्रसाद गुप्त राजकीय चिकित्सालय, कबीरचौरा, वाराणसी के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुंदलाल श्रीवास्तव जी मुख्य अतिथि थे I
अन्य वक्ताओं में श्री सर्वेश्वरी समूह के उपाध्यक्ष डॉ. ब्रजभूषण सिंह, डॉ. बामदेव पाण्डेय, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम के चिकित्सक वैद्य बैकुंठ नाथ पाण्डेय, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. अचिन्त्य थे। आप सभी ने इस आश्रम द्वारा पीड़ित उपेक्षित जनों की सेवा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि पूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु ने पीड़ित मानवता की सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म और पूजा-पाठ कहा है I गोष्ठी का शुभारम्भ पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी द्वारा परमपूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु के चित्र पर माल्यार्पण पूजन के साथ हुआ I मंगलाचरण कुमारी गुंजन ने किया I गोष्ठी का सञ्चालन श्री सर्वेश्वरी समूह के प्रचार मंत्री पारस नाथ यादव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री सर्वेश्वरी समूह के उपाध्यक्ष श्री सुरेश सिंह जी ने किया । गोष्ठी के पश्चात् कुष्ठी बंधुओं व माताओं में फ-बिस्कुट आधी का वितरण किया गया I इससे पूर्व इस अवसर पर प्रातःकालीन सफाई एवं श्रमदान के उपरांत पूर्वाह्न 10 बजे कुष्ठी बंधुओं में नवीन वस्त्र वितरित किया गया I
उल्लेखनीय है कि परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी द्वारा 1961 में स्थापित यह कुष्ठ सेवा आश्रम बिना किसी सरकारी अनुदान के, आमजन के सहयोग से चलने वाला कुष्ठ आश्रम है। वर्तमान में पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी के निर्देशन में इस कुष्ठ आश्रम द्वारा कुष्ठ रोगियों को पूर्ण स्वस्थ्य लाभ प्रदान किया जा रहा है। विदित हो कि अब तक लाखों कुष्ठ रोगियों को प्राचीन भारतीय चिकित्सा (आयुर्वेदिक और फकीरी) पद्धति से स्वास्थ्य लाभ देकर समाज में ससम्मान प्रतिष्ठित करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में अंकित किया गया है। इस आश्रम द्वारा अब तक साढ़े चार लाख (4,50000) से अधिक कुष्ठी बंधुओं को पूर्णतया स्वास्थ्य लाभ दे दिया गया है।