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एनजीटी ने डीएम वाराणसी से मांगी अवैध बालू खनन की रिपोर्ट

वाराणसी में घाट उसपार गंगा नदी में नियम विरुद्ध अवैध बालू खनन को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जिलाधिकारी, वाराणसी से सभी आवश्यक दस्तावेज व बालू खनन की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जारी किया । प्रधान पीठ, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली के कोर्ट संख्या -II में दो सदस्यीय पीठ  न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठ्ठी तथा अन्य सदस्य पर्यावरण विशेषज्ञ डा० अफरोज अहमद के समक्ष विडियोकान्फ्रेंसिग के माध्यम से दायर याचिका -” अवधेश दीक्षित बनाम भारत सरकार व अन्य “(वाद संख्या – 107/2022) के मामले में से गुरुवार 17 फरवरी,2022 की सुबह 11 बजे सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सह स्थानीय निवासी सौरभ तिवारी द्वारा एनजीटी के समक्ष पक्ष रखा गया।

अधिवक्ता, सौरभ तिवारी द्वारा पेश की गयी दलीलों से एनजीटी संतुष्ट नजर आयी। अपनी दलील में अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने पीठ को बताया कि स्थानीय प्रशासन की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध है। जिसकी वजह से हजारों ट्रैक्टर बालू का रोज उठान पर्यावरण के नियमों को ताख पर रखकर किया गया तथा गंगा के तट तथा पारिस्थितिकी को भयंकर नुकसान पहुंचाया गया है। 

याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.अवधेश दीक्षित द्वारा  अपनी याचिका में कहा गया है कि पिछले वर्ष बरसात के पहले गंगा नदी में लगभग 12 करोड़ की लागत से नहर की खुदाई पर्यावरणीय नियम कानूनों के विरुद्ध किया गया व नहर निर्माण से निकली बालू को निस्तारित करने हेतू 1 जून  2021को निविदा निकाली गयी। लेकिन गंगा नदी में आयी बाढ़ के बाद न गंगा में नहर बची और ना नहर खुदाई से निकला बालू। बावजूद इसके जिलाधिकारी,  वाराणसी के आदेश की आड़ में बगैर अनुमति पत्र के उसपार अवैध रुप से बरसात के मौसम में बह चुकी नहर जो कि अस्तित्वहीन हो चुकी है, उसके ड्रेज्ड मैटेरियल के उठान के  नाम पर नदी के पर्यावरण से छेड़छाड़ करते हुए बालू उठान के नाम पर भयंकर लूट और भ्रष्टाचार किया गया। जबकि जिलाधिकारी द्वारा निविदा की स्वयं निर्धारित अवधि बीत चुकी थी, इसके बाद भी एक फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए विगत माह में बालू उठान की अनुमति जारी की गई। यह सभी कृत्य बड़ी अनियमितता , मनमानेपन और भ्रष्टाचार का प्रमाण है। हजारों ट्रैक्टर गंगा बालू का खनन रोज होता रहा व गंगा नदी की तलहटी खोद दी गयी। स्थिति तो ये रहा की खनन विभाग के पास खनन का आकलन ही नहीं है।

मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठ्ठी ने इन तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए अधिवक्ता सौरभ तिवारी को बताया कि जिलाधिकारी , वाराणसी से मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया जा रहा है। उक्त तथ्यों के आलोक में अगली सुनवाई सुनिश्चित करते हुए मामले में सुनवाई की अगली तारीख तय की जाएगी।

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