नई दिल्ली: दिल्ली में अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया के साथ एलजी अनिल बैजल से मुलाकात की लेकिन यह बैठक विफल ही रही. एलजी ने ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार देने से इनकार कर दिया है.
Delhi CM Arvind Kejriwal and Deputy CM Manish Sisodia arrive to meet LG Anil Baijal pic.twitter.com/6yncm5jSsC
— ANI (@ANI) July 6, 2018
केजरीवाल ने कहा कि उप राज्यपाल अनिल बैजल इस बात से सहमत नहीं हैं कि सेवा विभाग का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने से खुले तौर पर मना कर दिया हो.
उपराज्यपाल के साथ 25 मिनट तक हुई बैठक के बाद केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैजल ने गृह मंत्रालय से सलाह मांगी थी और उन्हें बताया गया कि सेवाओं को दिल्ली सरकार को नहीं दिया जाना चाहिए.
केजरीवाल के नौ दिन के धरने के बाद उनकी उप राज्यपाल से यह पहली मुलाकात है. उन्होंने कहा कि इससे देश में अराजकता फैल जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन विषयों पुलिस, भूमि और लोक व्यवस्था को छोड़कर दिल्ली सरकार के पास अन्य विषयों में कार्यपालिका के अधिकार होंगे.
उप राज्यपाल इस बात से सहमत नहीं हैं कि सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपा जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से ऐतिहासिक निर्णय दिये जाने के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों के तबादलों एवं नियुक्ति के लिए एक नई प्रणाली लागू की जिसमें मुख्यमंत्री को अनुमति देने वाला प्राधिकार बना दिया गया.
बहरहाल, इस मामले में सेवा विभाग ने अनुपालन करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में जारी अधिसूचना को खारिज नहीं किया है. इस अधिसूचना में तबादलों एवं नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय को प्राधिकार बनाया गया है.