16 साल बाद वाराणसी जेल से रिहा हुआ पाक कैदी, लिखा भावुक खत

आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी के सेंट्रल जेल में 16 साल की सजा पूरी कर चुके पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन को रविवार की सुबह रिहाई दे दी गई। पुलिस अभिरक्षा में वह अपने वतन पाकिस्‍तान को रवाना भी हो गया। 5 नवंबर की सुबह उसे बाघा बार्डर पर पाकिस्तानी पुलिस को सिपुर्द कर दिया जाएगा।खास बात कि जब जलालुद्दीन बनारस के सेंट्रल जेल में पहुंचा था तो हाईस्कूल में था, जेल में रहते हुए उसने इंटर, बीए और एमए तक की पढ़ाई पूरा की। जलालुद्दीन को खुफिया जानकारी जुटाने के आरोप में मुगलसराय से गिरफ्तार किया गया था। सबसे बड़ी बात यह है कि जलालुद्दीन ने खत लिखा, एक हिंदी और दूसरा उर्दू में है उसने खत में लिखा है कि ‘मैंने अपनी जिंदगी के 16 साल हिंदुस्तान की जेल में गुजार दिए, लेकिन मुझे कभी ऐसा एहसास नहीं हुआ कि मैं हिंदुस्तान की जेल में सजा काट रहा हूं।

उसने हिंदुस्तानी कैदियों के व्यवहार की तारीफ करते हुए लिखा की ‘जेल के लोगों से मुझे इतना प्यार मिला कि कभी लगा ही नहीं कि मैं अपने परिवार से दूर हूं। सबने हर सुख दुख में मेरा साथ दिया। यहां तक कि हर ईद, दिवाली, होली और मोहर्रम को मेरे साथ मना के मुझे खुशी दी।’

जेल प्रशासन का शुक्रिया अदा करते हुए जलालुद्दीन ने लिखा कि ‘मुझे जेल प्रशासन ने कभी ये एहसास नहीं होने दिया कि मैं एक पाकिस्तानी कैदी हूं।’ अपने खत के आखिरी में जलालुद्दीन ने जो ख्वाहिश लिखी है उसे पढ़ कर हिंदुस्तानी क्या पाकिस्तानी भी सोचने पर मजबूर हो जाएगा। उसने लिखा  कि ‘मेरी ख्वाहिश है कि यूएसए, यूके, यूएई कि तरह सार्क देश से भी एलओसी खत्म हो जाए और हम सब एक हो जाए। फिर कोई भी देश हमारी तरफ बुरी नजर रखने की हिम्मत नहीं करेगा।

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