हिंदू-मुस्लिम दंपत्ति को मिला पासपोर्ट, अपमानित करने वाले अधिकारी का तबादला

जवाहर यादव

लखनऊ के पासपोर्ट ऑफिस में तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी की पासपोर्ट अर्जी ख़ारिज करने और उनसे बदसलूकी के मामले में कार्रवाई करते हुए रीजन पासपोर्ट अधिकारी ने आरोपी विकास मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया, साथ ही घटना पर उनसे जवाब तलब किया गया है.

इस मामले का विदेश मंत्रालय के सचिव डीएम मुलेय ने भी संज्ञान लेते हुए, जल्द ‘उचित कार्रवाई’ का आश्वासन दिया. वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पीड़ित दंपति को बुधवार को पॉसपोर्ट ऑफिस बुलाया गया और आज (गुरुवार) उनका पासपोर्ट भी बना दिया गया.

गौरतलब है कि बुधवार को पासपोर्ट रिन्यू कराने गई तन्वी सेठ से पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने मुस्लिम से शादी करने पर बदसलूकी की थी। विकास मिश्रा ने तन्वी सेठ को अपना नाम बदलवाकर आने को कहा था. इस मामले की शिकायत तन्वी ने ट्वीटर के जरिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की थी. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट रीजनल कार्यालय पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी थी.

यह था मामला………..

तन्वी के मुताबिक, उन्होंने और उनके पति अनस सिद्दीकी ने पासपोर्ट के लिए समस्त जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था। पति का पासपोर्ट रीन्यू होना था. उन्हें रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट ऑफिस में अपॉइंटमेंट दिया गया. वे समय पर पहुंचीं, सभी काउंटर पर क्लीयरेंस मिलने के बाद उन्हें सी-5 काउंटर पर बुलाया गया जहां विकास मिश्रा बैठे थे. उन्होंने दस्तावेज जांचते हुए आश्चर्य जताया कि अनस सिद्दीकी की पत्नी का नाम तन्वी सेठ कैसे हो सकता है?

तन्वी के अनुसार उन्होंने कहा कि ‘शादी के बाद नाम बदलें या नहीं, यह उनकी मर्जी पर है। वे 12 साल से शादीशुदा हैं और नाम नहीं बदला है. सभी दस्तावेज उनके तन्वी नाम पर ही हैं. ऐसा कोई कानून नहीं है कि शादी के बाद लड़की को उसका नाम बदलना ही होगा.’ इस पर मिश्रा ने उन्हें कहा कि शादी के बाद नाम बदलवाना उनकी ड्यूटी थी, हर लड़की को यह करना पड़ता है. तन्वी के अनुसार वे काफी देर तेज आवाज में अभद्रता से बहस करते रहे. इससे आसपास के लोग भी तमाशा देखने लगे और उन्हें बहुत असहज महसूस हुआ. मिश्रा ने उन्हें एपीओ ऑफिस जाने के लिए कहा.

 

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