उत्तर प्रदेश के नोएडा में बनने वाले पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क को राज्य से बाहर शिफ्ट किया जाएगा. पतंजलि कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने इसकी जानकारी दी है.
बालकृष्ण का कहना है, ‘यूपी सरकार के निराशाजनक रवैये के वजह से फूड पार्क को शिफ्ट किया जा रहा है. अब किसानों का जीवन बेहतर नहीं हो पाएगा.’ बता दें, नोएडा में फूड पार्क की आधारशिला प्रदेश में पिछली सरकार के मुखिया अखिलेश यादव ने रखी थी.
@Ach_Balkrishna
आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली
श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया #पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया
बालकृष्ण ने इस बारे में ट्वीट किया, ‘आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली. श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया. पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया.’
बालकृष्ण ने ‘आजतक’ से बात करते हुए कहा कि, ‘यूपी में केवल धींगा-मस्ती हो रही है, काम नहीं हो रहा. हमारी फाइल कहां है आप पता करें.’
बाबा रामदेव का कहना है कि केंद्र सरकार के मंत्रालय फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री ने अनुमति दी थी और कहा था कि जल्द से जल्द यहां पर मेगा फूड पार्क बना लें. लेकिन योगी सरकार ने इसके प्रति उदासीनता पूर्ण रवैया दिखाया और उसको निरस्त कर दिया.
बता दें कि अखिलेश सरकार में पतंजलि के इस मेगा फूड पार्क को बनाने का फैसला किया गया था. अखिलेश यादव और बाबा रामदेव ने एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया था. इस परियोजना की लागत 1666.80 करोड रुपये थी. ये फूड पार्क 455 एकड़ में बनना था. बाबा रामदेव के मुताबिक, इस फूड पार्क से 8000 से अधिक लोगों को सीधा रोजगार और 80 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलता.
पतंजलि की ओर से कहा गया है कि अब फूड पार्क से बाहर जाने से राज्य का और यहां रहने वाले लोगों का नुकसान होगा. हालांकि, पतंजलि ने इस बारे में कुछ नहीं बताया है कि यह पार्क कहां शिफ्ट हो रहा है.