- अंधविश्वास और झूठी परंपराओं के जाल में फंसे कुछ लोग
- वैज्ञानिक युग के बढ़ते प्रभाव के बावजूद अंधविश्वास की जड़ें समाज से नहीं उखड़ रही हैं
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। आप किसी भी जगह चले जाइए समय-समय पर आपको अंधविश्वास का अलग-अलग चेहरा देखना को मिलेगा। शहर हो या गांव, अंधविश्वास हर जगह अपनी जड़ जमाए हुए है। यहां समाज का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी ऐसा है, जो अंधविश्वास और झूठी परंपराओं के जाल में फंसा हुआ है। ताज्जुब की बात यह है कि इन अंधविश्वासों के भंवर जाल में बहुत बड़ा शिक्षित समाज भी है।
हम बहुत सी बातों-विचारों को बिना सोचे-समझे स्वीकार कर लेते हैं। हम यह भी नहीं देख पाते कि इनका कोई आधार या अस्तित्व है भी, या नहीं। हमारी बहुत सी मान्यताएं ऐसी हैं, जो विज्ञान व आधुनिक ज्ञान की कसौटी पर खरी नहीं उतरती हैं। वैज्ञानिक युग के बढ़ते प्रभाव के बावजूद अंधविश्वास की जड़ें समाज से नहीं उखड़ रही हैं।
जी हां, हम बात कर रहे कोरोना वायरस को लेकर तेजी से फैल रही अफवाह की। इन दिनों से देहात व शहरी क्षेत्रों में एक अफवाह बड़ी तेजी से फैल रही है, ‘जितने बेटे उतने दिये जलाओ, कोरोना वायरस भाग जाएगा’। कोरोना वायरस को भगाने के लिए लोग घरों के दरवाजे पर दीपक जलाए जा रहे हैं। कुछ लोग तरह-तरह के टोटके भी अपना रहे हैं।
ब्रजेश मिश्रा ने किया ट्वीट-
बढ़ती अफवाह पर तंज कसते हुए एक नामी चैनल के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा ने ट्वीट किया कि ‘ऐसी प्रचलित मान्यता है कि आफतकाल में भी जाहिलियत, बीमारी के मुताबिक बढ़ती है। दो दिन से यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में अफवाह है कि जितने बेटे, उतने दिए जलाओ। कोरोना भाग जाएगा।
अब कोरोना के बारे में इन्हें कोई क्या बताए, क्या समझाएगा? उम्मीद है सरकार इस अफवाह को फैलने से रोकेगी।’ दरअसल, कोरोना वायरस के प्रति काफी भ्रांतियां भी फैल रही हैं। जन जागरूकता आवश्यक है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। एहतियात बरतना सर्वाधिक जरूरी है।
वायरस से बचने के लिए जरूरी उपाय-
:- व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें।
:- बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करें।
:- साफ दिखने वाले हाथों को निरंतर धोएं।
:- छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंकें।
:- उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें।
:- बातचीत के वक्त व्यक्तियों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें, विशेष रूप से फ्लू जैसे लक्षण दिखने वाले व्यक्तियों के साथ।
:- अपनी कोहने के अंदरूनी हिस्से में छींके, अपने हाथों की हथेलियों में न खासें।
:- अपने तापमान को और श्वसन लक्षणों की जांच नियमित रूप से करें। अस्वस्थ्य महसूस करने पर (बुखार, सांस लेने में कठिनाई और खांसी) डॉक्टर से मिलने के समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें।
:- खांसने-छींकने वालों से कम से कम 1मीटर (तीन फीट) दूर ही रहिए।
बिल्कुल न करें ये काम-
:- हाथ न मिलाएं।
:- अगर आपको खांसी और बुखार महसूस हो रहा है तो किसी के साथ निकट संपर्क में न आएं।
:- अपनी आंख, नाक और मुंह को स्पर्ष न करें।
:- हाथों की हथेलियों में न छींके और न ही खासें।
:- सार्वजनिक रूप से न थूकें।
:- अनावश्यक यात्रा न करें, विशेषकर प्रभावित इलाकों में।
:- समूह में न बैठें, बड़े समारोहों में शामिल न हों।
:- जिम, क्लब और भीड़-भाड़वाली जगहों पर न जाएं।
:- अफवाह और खौफ न फैलाएं।