आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कार्मिक ड्यूटी के लिए आईआईटी बीएचयू से कर्मचारियों की लिस्ट मांगी गई थी। आरोप है कि आईआईटी बीएचयू के कार्यालय प्रमुख अधिकारी द्वारा गलत कार्मिक ड्यूटी लिस्ट भेजी गई है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द शर्मा ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
शर्मा ने पत्र में लिखा है, कुलसचिव आई०आई०टी०बी०एच०यू० वाराणसी द्वारा निर्वाचन कार्य के लिए कर्मचारियों की जो सुचि उपलब्ध कराई गई है व इसमे कर्मचारियों के अनुभव के बारे मे जो बताया गया है वह भ्रामक तथ्यहीन और गुमराह करने वाला है। ज्ञातव्य हो कि कुलसचिव द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचि मे संस्थान में कुल कर्मचारियों कि संख्या 40 ही बताई गई है व सबको कार्यालय कार्मिक दिखाया गया है जबकि 40 कर्मचारियों में अधिकांश प्रयोगशाला/तकनिकी कर्मचारी हैं जिनके नाम के साथ उनका पद व विभाग सूचि में दर्शाया गया है।
जबकि संस्थान में लगभग कार्यालय कार्मिक कर्मचारियों की संख्या 100 है व प्रयोगशाला/ तकनिकी कर्मचारियों कि संख्या 200 के करीब हैं। इसके बावजूद कुलसचिव द्वारा भेजी गई 40 कर्मचारियों की सूचि को उन्होंने शुद्ध और शतप्रतिशत सहि बताया है। आश्चर्य की बात यह है कि महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद पर रहते हुए कुलसचिव द्वारा ऐसी गलत सूचि प्रस्तुत कि गई जिसमें कर्मचारियों का पद, कार्य अनुभव सही नही है व कार्यालय कर्मचारियों का सहि पूर्ण विवरण भी नही दिया गया है व कुल कर्मचारियों कि संख्या भी गलत बताई गई है जो बिल्कुल उचित नही है व जिसे त्रुटि नही कहा जा सकता बल्कि इसे जानबूझकर कर किया गया है जिससे आपको गुमराह करते हुए चुनाव कार्य को प्रभावित करने का एक प्रयास है जो एक अक्षम्य अपराध है।
अतः आपसे अनुरोध है कि वर्णित तथ्यों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उचित कार्यवाहि करने कि कृपा करें ताकि चुनाव कार्य प्रभावित न हो सके व भविष्य में पुन: ऐसी गलत व भ्रामक सूचि कोई प्रस्तुत ना कर सके।
इस मामले की सत्यतता जानने के लिए जब कुलसचिव राजन श्रीवास्तव को फोन किया गया तो साहब के व्यस्तता का हवाला देते हुए फोन रख दिया गया। फिलहाल जाँच बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आरोप सत्य है या निराधार ।