बंदियों को स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों से प्रेरित होने के लिए वाराणसी के जिला जेल में उनके नाम पर बनाए गए द्वार,उनके योगदान और वीर गाथा को जीवनी के रूप में उकेरा गया है।
जेल की दीवारों पर भारत रत्न से सम्मानित हुए देश की विभूतियों की भी की तस्वीर बनाई गई है।
रत्नेश राय
वाराणसी।स्वतंत्रता संग्राम के नायक हमेशा से समाज को प्रेरित करते रहे है। अगली पीढ़ी को देश के आज़ादी के दीवानों की वीर गाथा बताने के लिए प्रायस किए जा रहे है। योगी सरकार भी आज़ादी के अमृत महोसव के अंतर्गत स्वतन्त्रता संग्राम के असली नायको की कहानी जन-जन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। ऐसा ही प्रयास वाराणसी के जिला जेल के अधीक्षक द्वारा किया जा रहा है। जिला जेल के द्वार (गेट) वाराणसी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर रखे गए है।
स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों से प्रेरित होने के लिए वाराणसी के जिला जेल में उनके नाम पर द्वार बनाए गए है। वाराणसी जिला जेल के अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि सुधार गृह में बंदियों के अंदर समाज और देश के लिए अच्छे कार्य करने के लिए भावना पैदा किया जाए इसके लिए जेल के गेट क्रांतिकारियों के नाम पर रखे गए है। उन्होंने बताया कि पेंटिंग बनाने में तीन कैदी राक्षस बच्चन द्रविड़, भोलाराम, मनीष शर्मा के सहयोग कुछ अन्य कैदियों ने भी किया। और उनमे रंग भरने के साथ ही उनकी वीर गाथा को जीवनी के रूप में उकेरा है। ये सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनारस से ही ताल्लुक रखने वाले है। इसमें शचीन्द्रनाथ सान्याल, राजेंद्र लाहड़ी,शचीन्द्र नाथ बक्शी है ।
बंदियों के अंदर सकारात्मक परिवर्तन के लिए जेल की दीवारों पर स्वतंत्र संग्राम सेनानियों के साथ भारत रत्न से सम्मानित हुए देश की विभूतियों की भी की तस्वीर भी बनाई गई है। खास बात ये भी है की ये भारत रत्न से नवाजे गए सभी काशी से ही ताल्लुख़ रखते है। जिनमें लाल बहादुर शास्त्री ,पंडित मदन मोहन मालवीय,बिस्मिल्ला खान, सितार वादक पंडित रविशंकर इन बंदियों ने ही अपने हाथो से सभी तस्वीर बनाई है। इसके अलावा अन्य प्रेरणा स्रोत तस्वीरें बनाई गई है। और इन तस्वीरों के साथ ही रंगों के माध्यम से अपने जीवन में भी नए रंग और उमंग भर रहे है ,जिससे वे सुधार गृह से बहार जाए तो राष्ट्र हित के लिए काम कर सके।