आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: अश्लील हरकत करने में फंसे बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफसर शैलकुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं का धरना-प्रदर्शन रविवार को दूसरे दिन भी सिंह द्वार पर जारी है। छात्र-छात्राओं को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का समर्थन मिलने से धरना-प्रदर्शन बड़े आंदोलन की ओर बढ़ रहा हैं।
बताया जाता हैं कि रविवार को प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर बीएचयू की छात्राओं का फोटो पोस्ट करके केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा बीएचयू में छात्राओं को बार-बार विरोध करने बाहर निकलना पड़ता है, क्योंकि उनको सुरक्षा की गारंटी मिलती ही नहीं है। एक प्रोफ़ेसर पर कई सारी लड़कियों द्वारा की गई शिकायत, शिकायत समिति द्वारा सही पाई गई, लेकिन कार्यवाही के नाम पर निल बटे सन्नाटा। बेटी बचाओ अभियान अब बेटियां खुद चलाएंगी।
प्रियंका की इस पोस्ट के बाद विरोध- प्रदर्शन देश भर में चर्चा में आ गया है। छात्राओं के आन्दोलन को लेकर सोशल मीडिया पर भी लगातार तीखे कमेन्ट आ रहे हैं।
उधर, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने बताया कि छात्राओं की शिकायत के बाद प्रोफेसर को तुरंत निलंबित कर जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यकारिणी परिषद ने भी उन पर मेजर पेनाल्टी लगाई है। उनकी सजा माफ नहीं हुई है। उन्हें सभी प्रकार के अधिकारों से डिबार कर दिया गया है। छात्राओं को कार्रवाई के बारे में समझना चाहिए।
कुलपति के बयान के बाद आन्दोलन रत छात्राओं का आरोप हैं कि पूरी कक्षा के गवाही देने व जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद भी आरोपित प्रोफेसर एसके चौबे को महज चेतावनी देते हुए छोड़ दिया गया। वर्तमान सत्र में उन्हें दोबारा अध्यापन करने की अनुमति भी मिल गई है। उनके बर्खास्तगी तक आंदोलन जारी रहेगा।
ये हैं मामला-
छात्राओं ने शिकायत की थी कि अक्टूबर 2018 में पुणे दौरे के दौरान, चौबे ने कुछ लड़कियों पर आपत्तिजनक और भद्दी टिप्पणियां की थीं। छात्राओं ने दौरे से लौटने के बाद प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बीएचयू प्रशासन ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की जिसके बाद प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया। समिति ने छात्राओं के बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की, उसमें चौबे को दोषी पाया गया।