वाराणसी: हरियाणा के दो युवकों को बिहार के सासाराम में अपहृत कर लिया गया था जिन्हे वाराणसी की लंका पुलिस ने डाफी टोलप्लाजा के पास से घेरेबंदी करके अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया। इस मामले मे गिरफ्तार तीन अपहरणकर्ताओं को मंगलवार को मीडिया के सामने पेश कर पुलिस ने मामले का खुलासा किया है।
एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि लंका इंस्पेक्टर संजीव मिश्रा से सोमवार की शाम हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भटकला थाना अंतर्गत खावराकला निवासी रणवीर सिंह मिले। रणवीर ने बताया कि ट्रक से समान लेकर बिहार गए उनके बेटे अनूप और उसके दोस्त भजन लाल का सासाराम में 28 जून को अपहरण किया गया है।
बदमाश 13 लाख रुपये मांगे हैं। तीन लाख रुपये में मामला तय कर रकम डाफी बाईपास पर देनी है। सूचना पर इंस्पेक्टर लंका ने डाफी टोल प्लाजा के समीप घेरेबंदी कराई। हाईवे के किनारे रणवीर सिंह दो अपाचे बाइक सवार दो अपहर्ता के पास जाकर दो लाख रुपये दिए और गरीबी का हवाला देकर गिड़गिड़ाए कि अब एक लाख और नहीं दे पाएंगे।
वहीं अपहर्ताओं को पुलिस की घेराबंदी पर शक हुआ तो कार खाई की तरफ कूदा कर भागने लगे। पुलिस ने अपहर्ताओं में तीन को गिरफ्तार कर लिया और उनके चंगुल से अपहृत दोनों युवकों को भी छुड़ा लिया। हालांकि कार और स्कार्पियो सवार अन्य बदमाश भाग निकले।
गिरफ्तार पिंटू कुमार के खिलाफ चंदौली के अलीनगर थाने से गैंगेस्टर की कार्रवाई हुई है। पिंटू ने बताया कि गैंग के सभी सदस्यों का आपराधिक इतिहास है। भुवर रोहतास, सासाराम और औरंगाबाद में अपहरण के लिए कुख्यात है।
सुनसान पहाड़ी स्थानों में स्कार्पियो से ओवरटेक कर वाहनों को रुकवाया जाता है। अपहरण में एक स्कार्पियो, कार और दो बाइक इस्तेमाल होती हैं। लिफ्ट देने के बहाने भी यह गिरोह अपहरण करता है।
अपहर्ताओं को गिरफ्तार करने वाली टीम को एसएसपी की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। साथ ही, आईजी रेंज और एडीजी जोन को पुरस्कार के लिए टीम के नाम की संस्तुति की गई है।