विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को मुबंई हाईकोर्ट ने किसी भी तरह की राहत देने से इनकार किया है. जाकिर नाईक ने एनआईए द्वारा दाखिल की गई याचिका को चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी.
जाकिर ने कोर्ट से अपने पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका दाखिल की थी. बता दें विदेश मंत्रालय ने विवादित धर्म उपदेशक जाकिर नाईक का पासपोर्ट रद्द कर दिया था.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नफरत भरे भाषणों के जरिए युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाने और समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने के आरोप में विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आतंकी हमले के बाद 1 जुलाई 2016 को नाईक देश से बाहर चला गया था. बांग्लादेश ने कहा था कि पीस टीवी पर उसका भाषण ढाका में 2016 के हमले की एक वजह था. इस हमले में 22 लोगों की जान चली गयी थी. बांग्लादेश ने दावा किया था कि हमले में शामिल आतंकवादी नाईक के भाषणों से प्रेरित थे.
एनआईए ने 18 नवंबर, 2016 को अपनी मुंबई शाखा में नाईक के खिलाफ यूएपीए कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. नाईक के संगठन ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ (आईआरएफ) को केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही गैरकानूनी संगठन घोषित कर चुका है.