आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: चोरी, लूट जैसी घटनाओं का खुलासा करने में लंका पुलिस पूरी तरह विफल नजर आ रही है। अपराधियों के मन से पुलिस का खौफ पूरी तरह निकल चुका है। जी हां बीएचयू परिसर में हुई करोड़ो की चोरियों का आजतक खुलासा नहीं हो पाया। मामला मुगलकालीन चांदी के सिक्को और चन्दन चोरी का है।
बताया जाता है कि लगभग 6 साल पहले बीएचयू के भारत कला भवन से चोरी हुए 11 मुगलकालीन चांदी के सिक्को मे से 8 सिक्को और पिछले वर्ष अक्टूबर में आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग स्थित उद्यान से चन्दन के चार पेड़ो की चोरी का आजतक कोई सुराग नहीं है।
जानकार सूत्रों के अनुसार गायब हुए सिक्को और चन्दन के पेड़ों की कीमती करोड़ो में है। परिसर चर्चाओं की माने तो इतनी फुसर्त के साथ चोरी को अंजाम देने का काम कोई अंदर का व्यक्ति ही किया था। लंका पुलिस छोटी मोटी चोरियों और लूट का खुलासा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर पीठ थपथपवा लेती है लेकिन ऐसे बड़े मामलो पर नज़र डाले तो पुलिस के हाथ खाली है।
पुलिस से लेकर BHU के अधिकारी साधे है चुप्पी
चोरी की इस बड़ी वारदातों पर इस समय कोई भी कुछ बोलने को तैयार नही। इस मामले में क्या हुआ…? सिक्के और चन्दन के कटे पेड़ मिले की नही..? किसी की गिरफ्तारी की गई या नही..? किसने वारदात को अंजाम दिया था..? ऐसे ही कई सवालों का जवाब देने में लंका पुलिस और बीएचयू के अधिकारी बचते नज़र आ रहे हैं। सवाल पूछने पर सब चुप्पी साध लेते है। ऐसे में बीएचयू प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा होना लाजमी है।