मेरी इज्जत चली जायेगी फिर जी कर क्या करूँगा….

आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। बेटी की शादी है साहब कैसे भी करके मुझे मेरे पैसे दे दो नहीं तो मेरी बेटी की बारात नहीं आएगी, मेरी इज्जत चली जायेगी फिर जी कर क्या करूँगा, जी हां हर दिन डाकखाने के चक्कर काट रहे पिता के मार्मिक शब्द सबको झकझोर रहे है लेकिन डाकखाने वाले अपने कान बन्द किए है। मामला डाफी डाकखाने का है।

दरअसल डाफी निवासी रजीनिकान्त पाण्डेय की बेटी की शादी कुछ सप्ताह बाद होने वाली है। बेटी की शादी के लिए मेहनत से पैसा इकट्ठा कर डाकघर में जमा किए थे।

आरोप है कि शादी खर्च के लिए एफडी का पैसा निकालने जब रजीनिकान्त डाकखाने गए तो उनसे सुविधा शुल्क की मांग की गई, न देने पर कर्मचारी नेट समस्या की बात कहकर महीनों से दौड़ा रहे है। वहीं डाकघर के कर्मचारी कह रहे हैं कि नेट समस्या के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है जब समस्या दूर होगी तब पैसा दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *