WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने मंगलवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि कोरोना को एक महामारी की बजाय फ्लू जैसी बीमारी समझने की भूल बिल्कुल ना करें. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ओमिक्रोन वेरिएंट का प्रसार अभी स्थिर नहीं हुआ है।
यूरोप के लिए WHO की वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ने जानकारी दी है कि हम अभी भी बड़ी अनिश्चितताओं से घिरे हुए हैं। वायरस अभी भी तेजी से फैल रहा है और दुनिया के कई देशों में स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है। हम अभी इस स्थिति में नहीं हैं कि इस महामारी को एक क्षेत्र तक सीमित बीमारी घोषित कर सकें।
यूरोप के लिए WHO की वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ने जानकारी दी है कि हम अभी भी बड़ी अनिश्चितताओं से घिरे हुए हैं। वायरस अभी भी तेजी से फैल रहा है और दुनिया के कई देशों में स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है। हम अभी इस स्थिति में नहीं हैं कि इस महामारी को एक क्षेत्र तक सीमित बीमारी घोषित कर सकें।
जानकारी का कहना है कि कोविड-19 और फ्लू के लक्षणों की गंभीरता व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार तय की जाती है। गंभीर मामलों में दोनों संक्रमण निचले श्वसन तंत्र में फैल सकते हैं और निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। दोनों संक्रमणों में नाक बहने, दस्त, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और नाक बंद होने की समस्या देखने में आ रही है।
मरीजों में दिख रहे हैं ये लक्षण-
कोविड-19 और फ्लू दोनों में खांसी और बुखार जैसे लक्षण ज्यादा तेजी से उभर कर सामने आते हैं। कोविड-19 में बंद नाक और डायरिया जैसी समस्याएं कम होती है। वहीं फ्लू में ऐसे लक्षण आमतौर पर ज्यादा देखने को मिलते हैं। कोविड-19 में कुछ रोगियों में थकावट और शरीर में दर्द के लक्षण भी दिखाई देते हैं, जबकि फ्लू में ये लक्षण बहुत तेज होते हैं। मरीज को यदि कोई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें खुद को तत्काल 10 दिन के लिए आइसोलेट कर लेना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू कर देना चाहिए।