चंदौली : सभासद पुत्र का अपहरण कर 50 लाख की फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर अगवा किए गए बेटे को मुक्त करा लिया। इस मामले से जुड़े चार आरोपी अभी फरार हैं। उनके पास से 315 बोर के चार तमंचे, दस कारतूस, तीन मोबाइल और एक स्कार्पियो बरामद हुई।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया। जानकारी हुई कि स्कार्पियो से कुछ लोग चकिया चौराहे से होते हुए गंजी प्रसाद तिराहे की ओर आ रहे है । पुलिस ने तिराहे पर घेरेबंदी की और वाहन को रोकने का प्रयास किया।
वाहन सवार गति धीमी कर पुलिस टीम पर फायर झोंक भागने लगे लेकिन पुलिस टीम ने चारों युवकों सतीश यादव, विशाल यादव, सत्यप्रकाश गुप्ता और मुलायम प्रजापति को दबोच लिया। पूछताछ में उनकी निशानदेही पर अपहृत राहुल को बबुरी थाना के नगईं गांव से बरामद किया गया।
घटना मे शामिल संदीप यादव, जूली उर्फ संतोष, कपिल यादव और शकील उर्फ शकीब अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। एसपी ने कहा कि फरार चल रहे चार आरोपयियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस टीम में कोतवाल शिवानंद मिश्रा, विनय कुमार तिवारी, मनोज पांडेय, विपिन सिंह, हरिकेश ¨सिंह, राम नरायण राय आदि शामिल थे।
ऐसे हुआ था अपहरण……
10 जुलाई की रात मुगलसराय चतुर्भुजपुर वार्ड सभासद रीना रावत के पुत्र राहुल को सत्यपाल गुप्ता जो राहुल के पिता वीरू का दोस्त है, उसे घर से ले गया। मुगलसराय स्टेशन पर इधर-उधर घुमाने के बाद सत्यपाल उसे लेकर अलीनगर इलाके में हाइवे स्थित एक चाय की दुकान पर लाया और उसकी स्कूटी खड़ा कराने के बाद वहां खड़ी एक स्कार्पियो में जबरदस्ती बैठा लिया।
उसके हाथ-पांव बांध दिए। राहुल को वे बबुरी थाना क्षेत्र के नगई गांव स्थित जूली उर्फ संतोष विश्वकर्मा के टिन शेड में ले गए। उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया, ताकि वह शोरगुल न मचा सके। राहुल को छोड़ने के लिए उसके पिता वीरू रावत से 50 लाख रुपये की मांग की। बच्चे के अपहरण की खबर से वीरू व रीना रावत का पूरा परिवार सहम गया। वीरू रावत ने बुधवार को मुगलसराय कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी।