आईपीएल का शोर अब थम चुका है, चेन्नई ने इस सीरीज पर कब्जा करके इस खिताब को अपने नाम कर लिया है। अब सभी खेल प्रेमियों की नजर 14 जून से शुरू हो रही फीफा विश्वकप पर है। गौरतलब हो की रूस में शुरू हो रहे इस फीफा विश्वकप में दुनिया भर की 32 टीमें भाग लेंगी और करीब एक महीने यह विश्वकप चलेगा। ऐसे में अब इसकी तैयारियां भी जोरों पर है। इंग्लैंड भी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
देखा जाए तो फुटबॉल की दुनिया में इंग्लैंड का खास महत्व है। शायद इंग्लिश प्रीमियर लीग की चमक-दमक इसकी बड़ी वजह है। पर एक देश के तौर पर इंग्लैंड विश्व फुटबॉल में खुद को साबित नहीं कर पा रहा है। क्या इंग्लैंड 52 साल बाद वर्ल्ड कप जीतने की स्थिति में है? यह एक अनसुलझा सवाल है। 2009 के बाद इस टीम को एक भी क्वालिफाइंग मैच में हार का सामना नहीं करना पड़ा। टीम का यह लगातार छठा वर्ल्ड कप है।
2006 के बाद इंग्लैंड ने अंतिम-16 से आगे का रास्ता तय नहीं किया है। यूरो 2016 में इंग्लैंड की जल्दी छुट्टी हो गई थी। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने वाले वायने रूनी टीम के साथ नहीं है। कोच गैरेथ साउथगेट को रूस में हैरी केन पर भरोसा करना होगा। इंग्लैंड का मिडफील्ड और डिफेंस कमजोर है लेकिन आक्रमण में वे भारी पड़ सकते हैं। इंग्लैंड की उम्मीदें हैरी केन पर टिकी होंगी। मैनचेस्टर सिटी के रहीम स्टर्लिंग टीम की नई सनसनी है। एरिक डायर भी बेहतर खिलाड़ी हैं। वह मिडफील्ड या सेंटर बैक की पोजीशन में नजर आ सकते हैं ।