–यूपी, हरियाणा, झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इस कार्यशाला में होंगे सम्मिलित
-पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के हितधारकों के बीच तालमेल बनाना है कार्यशाला का उद्देश्य
-20 फरवरी से 25 मार्च के बीच अब तक 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हो चुकी हैं 4 क्षेत्रीय कार्यशालाएं
रत्नेश राय
वाराणसी। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के सभी हितधारकों के साथ अधिक तालमेल बनाने के लिए, 11 से 12 अप्रैल के बीच वाराणसी में छह राज्यों यूपी, हरियाणा, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के लिए पांचवीं क्षेत्रीय कार्यशाल का आयोजन किया जा रहा है। 20 फरवरी, 2023 से 25 मार्च, 2023 के बीच अब तक इसके तहत 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं की जा चुकी हैं।
इन कार्यशालाओं में पीएम गतिशक्ति एनएमपी को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें डेटा क्वालिटी बनाए रखने, मंत्रालयों और राज्यों द्वारा पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर नियोजित परियोजनाओं की प्रस्तुति, आर्थिक और औद्योगिक समूहों के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने, स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा देश में एक कुशल लॉजिस्टिक इकोसिस्टम बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रालय अब पीएम गतिशक्ति एनएमपी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन के लिए प्रगतिशील कदम उठा रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ये क्षेत्रीय कार्यशालाएं पीएम गतिशक्ति को और अधिक व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा दे रही हैं।
पहले दिन पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर होगा फोकस* वाराणसी में होने वाली दो दिवसीय इस कार्यशाला को दो विषयों में आयोजित किया जाएगा। पहला, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और दूसरा नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी। क्षेत्रीय कार्यशाला का पहला दिन पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर केंद्रित होगा। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय बुनियादी ढांचे, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों/विभागों की चर्चा शामिल होगी। इसके बाद मंत्रालयों, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रधानमंत्री गतिशक्ति के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए मल्टीमॉडल अवसंरचना परियोजनाओं की योजना के संबंध में सर्वोत्तम उपयोग के मामलों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके उपरांत प्रधानमंत्री गतिशक्ति के अंतर्गत विभिन्न फोकस क्षेत्रों और पहलों पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
इनमें डाटा लेयर्स के लिए क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्लान (क्यूआईपी), सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे की समग्र योजना के लिए क्षेत्र दृष्टिकोण को लागू करना, बड़ी अवसंरचना परियोजनाएं परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) का उपयोग करके प्रगति निगरानी और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म (यूलिप) का उपयोग करके लॉजिस्टिक की आसानी के लिए तकनीकी इंटरफेस का प्रयोग करना। इसका उद्देश्य पीएम गतिशक्ति के लाभों को स्पष्ट करना और सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखना है।
दूसरा दिन नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के नाम होगा-
क्षेत्रीय कार्यशाला का दूसरा दिन नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (एनएलपी) पर केंद्रित होगा। एनएलपी के तहत प्रमुख विशेषताओं और फोकस क्षेत्रों और स्टेट लॉजिस्टिक पॉलिसीज के संदर्भ में राज्यों द्वारा की गई प्रगति पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) सर्वेक्षण पर एक प्रस्तुति भी दी जाएगी, जिसके बाद निर्यात को बढ़ावा देने और अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी)/कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस) विकसित करने की संभावनाओं पर विषयगत प्रस्तुतियां दी जाएंगी। दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला में संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, नीति आयोग और बीआईएसएजी-एन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है।
पीएम गतिशक्ति की एप्रोच से राज्यों को हुआ है लाभ-
अब तक आयोजित क्षेत्रीय कार्यशालाओं के दौरान स्पष्ट हुआ है कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ-साथ सामाजिक बुनियादी ढांचे की योजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति दृष्टिकोण का राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपयोग आश्वस्त करने वाला रहा है। इसके उपयोग के कुछ मामले इस प्रकार हैं…
1. राष्ट्रीय मास्टर प्लान/राज्य मास्टर प्लान (एनएमपी/एसएमपी) का उपयोग करते हुए, अरुणाचल प्रदेश के कामेंग बांध के आसपास पर्यटन योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके। राज्य द्वारा पर्यटन क्षमता का दोहन करने और आर्थिक और सामाजिक केंद्रों के लिए मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजनाएं विकसित करने के लिए एनएमपी/एसएमपी प्लेटफार्मों का उपयोग किया जा रहा है।