वाराणसी: आत्मनिर्भर भारत की मिसाल देखना हो तो वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल आइये।’उत्तर प्रदेश के जी.आई.प्रोडक्ट्स एक्सपो 2021′ हस्तशिल्पियों के हुनर को नया प्लेटफार्म दे रहा है।
कोरोना काल के बाद चार दिनों में करीब 25 लाख रूपए की बिक्री से हस्तशिल्पी काफी उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रोत्साहन से ‘वोकल फॉर लोकल’ से ‘वोकल फॉर ग्लोबल’ की ओर बढ़ रहे शिल्पियों का कहना है कि ऐसी प्रदर्शनी से हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलता है।
यूपी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, उत्तर प्रदेश सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जीआई प्रोडक्ट्स एग्जीबिशन 2021 पूरे ज़ोर पर हैं। प्रदर्शनी 24 जनवरी तक चलेगी।
हस्त कला संकुल में एक छत के नीचे पूरे उत्तर प्रदेश का हुनर सिमट आया है। एक्सपो में उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों ने अपनी विरासत को समेटे हुए अपने हुनर के कुल 51 उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है । इसमें 26 जी.आई.टैग उत्पाद है। 25 उत्पाद ऐसे भी हैं ,जो जी.आई .उत्पाद में शामिल होने की प्रक्रिया में हैं ।एक्सपो में गोरखपुर का टेराकोटा ,आज़मगढ़ की ब्लैक पॉटरी ,सजावटी सामान और बर्तन के रूप में अपनी मिट्टी की खुशबु लिए दुनियाँ भर में पहुँच रही है।
कन्नौज का इत्र भी विदेशों तक सुगंध फैला रहा है। वाराणसी के लकड़ी के खिलौने, गुलाबी मीनाकारी, कट स्टोन पर कि गई क़ारीगरी का काम भी लोगों को लुभा रहा है। लकड़ी का खिलौना बनाने वाले बिहारी लाल अग्रवाल का कहना है कि इस प्रदर्शनी में आने से दूसरे ट्रेड के लोग भी अब हमारे उत्पाद को एक्सपोर्ट करने का मन बना रहे हैं।
कांच की नगरी फ़िरोजाबाद के प्रतीश कुमार ने कहा ओ.डी.ओ.पी. के उत्पाद ऐसे प्रदर्शनियों में खूब बिक रहे हैं। सिद्धार्थ नगर का शुगर फ्री और जैविक काला नमक चावल की बिक्री ख़ूब हुई और दुबारा मंगवाना पड़ा। सुरखा अमरूद का स्वाद भी लोगों को पसंद आया। सभी उत्पादों के आर्डर भी बड़े पैमानें पर मिल रहा है। प्रदर्शनी में बड़ी तादात में लोग पहुंच रहे हैं। ख़रीदारो का कहना कि सरकार ने एक छत के नीचे सभी जेन्युइन प्रॉडक्ट्स उपलब्ध कराये हैं , जिससे हैंडीक्राफ्ट के कद्रदानों के लिए काफ़ी आसानी हो गई है ।
उपायुक्त इंडस्ट्रीज वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान करीब 25 लाख रुपए तक की बिक्री हुई है और इतने का ही शिल्पियों को आर्डर मिला है। जी.आई. उत्पादों के लिए तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम में 240 हस्तशिल्पियों का प्रशिक्षण, साफ्ट स्किल ट्रेनिंग में 600 हस्तशिल्पियों एवं विभिन्न डिजाइन वर्कशाप में 270 हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण दिया गया।
इस दौरान 2000 हस्तशिल्पियों को उन्नत टूलकिट भी प्रदान किया गया । साथ ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत 300 लाभार्थियों को टूलकिट दिया गया । इसके अलावा ओ.डी.ओ.पी. टूलकिट प्रशिक्षण योजनान्तर्गत 300 लाभार्थियों को हैण्डलूम टूलकिट दिए गए। प्रदर्शनी के दौरान पीएम.ई.जी.पी., एम.वाई.एस.वाई, ओ.डी.ओ.पी. मार्जिन मनी ऋण योजनान्तर्गत प्रत्येक योजना के दो लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए गया। आयोजन के दौरान सेमीनार में मार्केटिंग ,डिजाइनिंग ,निर्यात आदि की जानकारी भी दी गई।
प्रदर्शनी के दौरान विक्रेताओं को ऑनलाइन वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से जीआई प्रोडक्ट्स से जुड़े पहलुओं पर ट्रेनिंग भी दी गई है। प्रदर्शनी में दरी (आगरा), ब्लैक पॉटरी (आजमगढ़), हस्तनिर्मित कालीन (भदोही), खुर्जा पॉटरी (बुलंदशहर), कत्तों प्रिंट, बेडशीट (फर्रुखाबाद), कांच की बनी वस्तुएं ( फिरोजाबाद), हस्त निर्मित दरियां( मिर्जापुर), चिकनकारी (लखनऊ), आर्ट मेटल वर्क (मुरादाबाद), सुरखा अमरूद (प्रयागराज) इत्र (कन्नौज), चमड़े से बनी वस्तुएं (कानपुर),
टेराकोटा (गोरखपुर) जूट वाल हैंगिंग (गाजीपुर), पत्थर की शिल्पकला (वाराणसी), मेटल रिपोजी, बनारस ब्रोकेड (वाराणसी), लकड़ी के खिलौने (वाराणसी), गुलाबी मीनाकारी (वाराणसी), पंजादारी (वाराणसी), ग्लास बीड्स (वाराणसी), ज़री जरदोजी (वाराणासी) काष्ठ शिल्प कला (वाराणसी) ब्लैक पॉटरी (आजमगढ़) जैसे हस्तशिल्प उत्पादों के अलावा सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल भी प्रदर्शित किया गया है, जिसे जीआई टैगिंग प्राप्त है।
जीआई उत्पाद कि ख़ास बात ये भी होती ये सभी उत्पाद हैंडलूम व हेंडीक्राफ्ट उत्पाद होते है .( जियोग्राफिकल इंडिकेशन) जीआई उत्पाद यानी भौगोलिक संकेतक या जियोग्राफिकल इंडिकेशन ऐसे उत्पाद होते है जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है। इन उत्पादों की विशिष्ट विशेषता एवं प्रतिष्ठा भी इसी मूल क्षेत्र के कारण होती है। इस तरह का संबोधन उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है।
जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत ने बताया अब उत्तर प्रदेश के उत्पाद लोकल से ग्लोबल हो रहे हैं। इतनी बड़ी लीगल जीआई उत्पादों की प्रदर्शनी कभी नहीं लगी है। निश्चित रूप से इस एक्सपो से हैंडलूम ,हैंडीक्राफ्ट और वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐसे आयोजनों से आत्मनिर्भर भारत अभियान को और गति मिल रही है।