वाराणसी पुलिस की तीसरी नेत्र से नहीं बच पाएंगे अब अपराधी

वाराणसी में लगने जा रहा है फेस रिकग्निशन कमरे 
मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को योगी बना रहे है स्मार्ट सिटी

RATNESH RAI

वाराणसी की सीमा में अब कोई भी अपराधी आने की कोशिश करेगा तो उसकी बचने और छिपने का प्रयास  नाक़ाम  होगा और उसकी पहचान तुरंत हो जाएगी साथ ही,अपराधी  सलाखों  के पीछे चला जायेगा ,इसके लिए पुलिस को बहुत मसक्कत भी नहीं करने पड़ेगी ,बस तीसरे नेत्र को खुला रखना होगा ,और थोड़ा चौकन्ना रहना पड़ेगा। बाकी सारा काम हाई टेक कमरे खुद ही करेंगे।

 वाराणसी में फेस रिकग्निशन सिस्टम वाले ऐसे कैमरे  लगने जा रहे है ,जो किसी भी अपराधी को खुद पहचान कर पुलिस को बता देंगे ,ये कैमरे इतने कारगार है कि  अपराधियों की कई साल पुरानी फोटो की भी पहचान कर लेगा ,यदि आप भेष बदलने में माहिर है तो भी इन हाईटेक कैमरों की नजरो से छिप नहीं पाएंगे ,वीडियो एनालिटिक्स के माध्यम से पूरे जिले के चप्पे -चप्पे पर नज़र  रखी जाएगी ,लाखो की भीड़ -भाड़ हो या ठंड का मौसम सभी परिस्थियों में ये कैमरे शातिर अपराधियों की पहचान करके पुलिस तक सूचना दे देंगे ।

क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS)( क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) जून 2009 में शुरू की गई एक परियोजना है जिसका उद्देश्य पुलिस स्टेशन स्तर पर पुलिसिंग की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली बनाना है। सीसीटीएनएस भारत सरकार की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत एक मिशन मोड प्रोजेक्ट (MMP) है।) से अपराधियों के डाटा लिए जायेंगे(लिंक किया जायेगा ) साथ ही लोकल स्तर पर भी अपराधियों के डाटा फीड किया जायेगा जिससे अपराधियों की पहचान हो सके। 

स्मार्ट सिटी के सीईओ और नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि भारतीय ,यूरोपियन  और अमेरिकन टेक्नॉलजी का प्रयोग करके इसे लगाया जा रहा है ,
125 करोड़  की लगात से 500 किलोमीटर तक ऑप्टिकल  फाइबर बिछाया जायेगा और 700 अलग अलग जगहों पर 3000 कैमरे लगाए जायेंगे ,जिसमे 22 कैमरे फेस  रिकग्निशन सिस्टम के लिए है ,जिसकी संख्या जरुरत के हिसाब से बढ़ाई भी जा सकती है। शहर की विभिन्न गतिविधियां रीयल टाइम रिकॉर्ड होगी जो सिक्योरिटी और सेफ्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण  होगी।

 EFKON इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर मैनेजर प्रोजेक्ट साहिल व वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के जनरल मैनेजर प्रोजेक्ट्स एंड कोआर्डिनेशन डॉ.डी वासुदेवन  ने बताया कि फेस अलॉगर्थिम यानी डाटा बेस  में मौजूद फ़ोटो को ,कैमरे से कैप्चर पिक्चर से मिलान करेगा और उसकी विशेष पहचान जो कोडिंग और नाम से बता देगी ,कैमरे करीब 7.5 मीटर की दूरी से अपराधियों की  पहचान कर लेगाऔरकाशी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल  सिस्टम  में बैठे एक्सपर्ट पुलिस कर्मियों को सूचना देगा ,जिसके तुरंत बाद सम्बंधित थाना पुलिस के पुलिस कर्मी अपराधी को दबोच लेंगे। सर्विलांस सिस्टम जुलाई 2020 से शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट अप्रैल 2021 में बन कर तैयार हो जायेगा। 

वाराणसी के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि  ये सरकार की अच्छी पहल है और इससे क्राइम कण्ट्रोल में काफी मदद मिलेगी। धर्म और अध्यात्म  की नगरी काशी हमेशा से आतंकियो के निशाने पर रही  है ,व्  कई आतंकी हमले भी झेल चुकी है ,साथ ही  पूर्वांचल का व्यावसयिक हब होने की वजह से काशी में  कई तरह की आपराधिक गतिविधियां भी संचालित होती है ,और पूर्वांचल में अक्सर गैंगवार  भी होता रहा है ,ऐसे में  फेस रिकग्निशन सिस्टम अपराधियों और असामजिक तत्वों को उनकी सही जग़ह पहुँचाने में कारगर साबित होगी।