वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू वाराणसी में आयोजित प्रेस वार्ता में संस्थान के निदेशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने मीडिया को विगत छह माह में अर्जित की गई संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से अवगत कराया। उनके अनुसार संस्थान में आर्किटेक्चर विभाग का प्रारंभ संस्थान की एक महत्वपूर्ण शैक्षिक उपलब्धि है। इसके माध्यम से संस्थान अभियांत्रिक आर्किटेक्चर में निपुण मानव संसाधन सृजित करेगा जो राष्ट्र के निर्माण तथा Make in India हेतु राष्ट्रीय अभियानों में मील का पत्थर साबित होंगें।
उन्होने बताया कि संस्थान में वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विगत छः माह में संस्थान को 30 से अधिक अनुसंधान परियोजनायें स्वीकृत की गई है जिसमें यूपीडा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत रक्षा अनुसंधान कोरीडोर परियोजना, RKVY-RAFTAAR योजना तथा स्टील आॅथारिटी आॅफ इंडिया की ARCIS प्रमुख है इन परियोजनाओं हेतु स्वीकृत धनराशि करोड़ों में है।
इसी प्रकार संस्थान को तीन स्पार्क परियोजनाये भी स्वीकृत हुई है जो आचार्य राजीव प्रकाश, आचार्य प्रदीप श्रीवास्तव एवं आचार्य आर0एस0 सिंह द्वारा निर्देशित की जा रही है ये राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाये है और इनके माध्यम से भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान तंत्र से जुड़कर छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर संचालित अनुसंधान कार्यक्रमों तथा इनकी दशा और दिशा से अवगत करा पा रही है। इसी प्रकार संस्थान में तीन इम्प्रिंट परियोजनाये भी स्वीकृत हुई है जो डा0 ब्रिंद कुमार, डा0 जाहर सरकार एवं आचार्य राजीव प्रकाश के निदेशन में चलायी जा रही है।
निदेशक ने बताया कि संस्थान ने राष्ट्रीय एवम् अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त पहचान दर्ज करायी है तथा विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक व अनुसंधान संबंधी कार्यक्रमों के लिए 13 राष्ट्रीय संस्थाओं एवम् 05 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एम0ओ0यू0 हस्ताक्षर किये गये है।
निदेशक प्रो0 जैन के अनुसार संस्थान ने छात्रों की उम्मीदों पर खरे उतरते हुये आधारभूत सुविधाओं में भी उल्लेखनीय सुधार किया है। इतना ही नही हाल ही में संस्थान ने एक छात्रा हास्टल का निमार्ण पूर्ण किया है। इस वर्ष प्रवेश लेने वाली छात्राओं को इस नये छात्रावास में कक्ष उपलब्ध कराया जायेगा इसके अतिरिक्त छात्रों के लिए वाई-फाई, स्ट्रीट लाइट, खेल के मैदान, पेयजल हेतु आर0ओ0 आदि की सुविधाओं में भी वृद्धि की गई है।
निदेशक के अनुसार महामना मालवीय जी के विचारों को आगे बढ़ाते हुये संस्थान ने आगामी पांच वर्षो में संस्थान में चार नये केन्द्र जिनमें I. Centenary Innovation and Research Park (CIRP), II. Centenary Defence and Precision Engineering Hub (CDPEH), III. Global Outreach and Engagement (GOE) ,oe~ IV. Malviya Student Activity & Computing Center (MSACC) भी बनाने का निश्चय किया है।
इन केन्द्रों की स्थापना लागत लगभग 230 करोड़ होगी जिसके हेतु भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय से अनुरोध किया जा रहा है इन केन्द्रों की स्थापना के उपरांत संस्थान Innovation and Research एवम् Computing के क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो जायेगा।