वाराणसी:राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय में आज सोमवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, नयी दिल्ली, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों के छः दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सी एम ई) का उदघाट्न कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार पूर्व कुलपति राजस्थान आयुर्वेद विश्वविधालय जोधपुर ,पूर्व निदेशक अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान दिल्ली द्वारा किया गया। समारोह में प्रोफेसर जी.एस. तोमर, पूर्व प्राचार्य , राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, हंडिया , प्रयागराज तथा प्रोफेसर किशोर पटवर्धन, क्रिया शारीर विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की गरिमामयी उपस्थिति रही और सभी ने अपने विद्वतापूर्ण व्याख्यानों से लाभान्वित किया।
सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर नीलम गुप्ता ने पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर किया। इस कार्यक्रम में देश के लगभग 12 राज्यो से आये 30 चिकित्सकों को लगातार 6 दिन तक प्रतिदिन चार सत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार ने बालरोग यानी बच्चों में होने वाले रोगों के बारे में प्रशिक्षण दिया और वर्तमान में हो रहे नवीन अनुसंधान के बारे में चिकित्सकों को बताया। प्रोफेसर जी.एस. तोमर ने राजयक्ष्मा और इसमें आयुर्वेद चिकित्सा पर अपना व्याख्यान दिया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर किशोर पटवर्द्धन ने रिसर्च मेथोडोलॉजी पर व्याख्यान दिया जिससे आयुर्वेद में अधिक से अधिक शोध को बढ़ावा दिया सकें।
उदघाटन सत्र का संचालन डा.आशुतोष कुमार यादव एवं सेशन कॉर्डिनेटर के रूप में डॉ अश्वनी कुमार गुप्ता और डा.सविता चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षक, चिकित्सक एवं सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।