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सियासत की पारी खेलना मेरे बूते की बात नहीं- सुनील पॉल कॉमेडियन

● वल्गर कॉमेडी के चाहने वाले बहुत हैं।

● आजमगढ़ से तो ‘यादव जी” ही जीतेंगे।

वाराणसी। मशहूर कॉमेडियन सुनील पॉल ने आज के दौर में कॉमेडी में फूहड़ता और दम तोड़ती भाषाई मर्यादा पर बेबाकी से अपनी बात कही। एक कार्यक्रम के सिलसिले में रविवार को काशी पहुंचे सुनील पॉल ने कहा कि वल्गर कॉमेडी के चाहने वाले बहुत है। इसकी बानगी आप यू-ट्यूब पर देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक लोगों का टेस्ट नहीं बदलेगा तब यह दुकान ऐसे ही चलती रहेगी। कसाई बकरा तब तक काटेगा जब तक उसे खाने के शौकिन रहेंगे। इसके बावजूद सुनील पॉल का मानना है कि इस देश का कल्चर बहुत मजबूत है और इसने सभी को एकसूत्र में बांधे रखा है।

चुनावी मौसम के बारे में उनसे जब आजमगढ़ की चुनावी लड़ाई पर पूछा गया तो उन्होंने बेहद नपा-तुला जवाब दिया कि वहां तो ‘यादव जी” ही जीतेंगे।

अब कौन वाले, ये आप तय करें। साथ ही कहा कि वहां प्रत्याशियों में चुनावी जोरआजमाइश बहुत तगड़ी होगी। दोनों को मेरी शुभकामना। इसके साथ ही उन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की मिमिक्री भी की।

चुनाव में जुबानी जंग के चलते भाषा की टूटती मर्यादा पर उन्होंने इसके लिए सिर्फ नेताओं को दोषी नहीं माना। कहा कि यह तो हर तरफ हावी है। खासकर यूथ में। ज्यादातर इस कल्चर का इस्तेमाल अपना उल्लू सीधा करने के लिए किया जा रहा है।

हालांकि उन्होंने इसे रोकने की सामूजिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। यूथ में पॉलिटिकल करियर बनाने का क्रेज बढ़ा है। इसके पीछे देशभक्ति कारण है। खुद के राजनीति में आने के सवाल उन्होंने कहा कि मेरी समझ राजनीति के लायक नहीं। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसे निभाना मेरे बूते की बात नहीं है।

मैं अपनी कॉमेडी के साथ फिल्मों की दुनिया में खुश हूं। जहां तक बात कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की बात है तो उन्हें शुरू से ही फिल्म इंडस्ट्री से ज्यादा सियासतदारों में दिलचस्पी रही है। बनारस के बारे में उन्होंने कहा कि यहां आने से सुकून मिलता है। शो के लिए जरूर आता हूं ओर तिगुनी खुशी लूटकर ले जाता हूं। (एसएनबी)

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