आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। एक तरफ पीएम मोदी व सीएम योगी ने वीआईपी कल्चर खत्मकर देश की जनता को सन्देश दिया की लोकतंत्र में सभी एक समान है। लेकिन बीएचयू के लिए सभी एक समान नहीं। आज भी बीएचयू में वीआईपी कल्चर चलता हैं।
इस कल्चर का लबादा ओढ़े बीएचयू के अधिकारी सामय-समय पर परिसर में वीआईपी कल्चर लागू होने का अहसास कराते रहते हैं।
जी हां हम बात कर रहे है बीएचयू के सीरगेट की जिसको दुर्घटना का हवाला देकर महीने भर से सभी के लिए बंद कर दिया गया हैं। कुछ दिनों पूर्व स्थानीय ग्रामीणों ने असुविधाओं का हवाला देते हुए चक्काजाम किया व सीरगेट खोलने की मांग की थी। उस वक़्त बीएचयू के प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा था कि आम हो या खास सभी के लिए नियम समान है। अब गेट नहीं खुलेगा।
विरोध बढ़ता देख बीएचयू प्रशासन ने मामलें को सुलझाने के लिए ग्रामीणों से मोहलत मांगी थी। जिसपर आजतक बात नहीं बनी। अब वहीं देखा जा रहा है कि सीरगेट सिर्फ वीआईपी लोगों और उनके वाहनों के लिए खोला जा रहा है। असहाय, बीमार व मरीजों को अस्पताल ले जाने वाले एम्बुलेंसों के लिए नहीं।
पनप रहा आक्रोश –
फिलहाल बीएचयू अधिकारियों की इस दोहरी नीति से क्षेत्रवासियों में आक्रोश पनप रहा है। लोग कह रहे हैं कि बीएचयू अधिकारी वीआईपी कल्चर लागू होने का अहसास करा रहे हैं जो ठीक नहीं।