आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में धड़ल्ले से खड़ी हो रही है मौत की इमारतें। नियम कानून की धज्जियां उड़ा रही ये अवैध इमरतें आपदा को न्योता दे रही हैं। इनपर किसी निकाय का नियंत्रण नहीं है। जिले मे शहर से सटे और ग्रामीण क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनी समेत अवैध बहुमंजिला इमारतों का निर्माण जमकर हो रहा है।
आबादी बढ़ने के कारण वाराणसी में दिनोंदिन अवैध निर्माण का दायरा बढ़ता जा रहा है। जमीन के छोटे से टुकड़े पर बहुमंजिला इमारत खड़ी की जा रही है। पहले जमीन के एक टुकड़े पर एक परिवार रहता था। वहीं अब इमारत बनने के बाद वहां कई परिवार रहने लगे हैं।
देखा जाए तो पिछले एक दशक से शहर से सटे और ग्रामीण इलाकों में अवैध इमारतों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इन इलाकों में कई छोटे-छोटे प्रॉपर्टी डीलर्स बिल्डर्स बन गए। इन लोगों ने वाराणसी विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों से मिलीभगत करके नक्शा पास कराने से लेकर आर्किटेक्ट की सलाह नजरअंदाज करते हुए कुकुरमुत्तों की तरह बहुमंजिला इमारत बनाने लगे है।
अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की होड़ में बिल्डर इन इमारतों मे घटिया माल लगा रहे है। इन बिल्डरों ने इमारतों में भूकंपरोधी और प्राकृतिक आपदा से बचने की जरूरत को भी नजरअंदाज कर दिया है। इसकी वजह से लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है।
मौत की ये इमारतें किसी बड़े हादसे की तरफ इशारा कर रही हैं फिर भी वाराणसी विकास प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है।
शाहबेरी हादसा
ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव की जमीन पर एक निजी बिल्डर के द्वारा 6 मंजिला इमारत का निर्माण कराया जा रहा था। मंगलवार शाम को निर्माण के दौरान ही इमारत बराबर में खड़ी 4 मंजिला दूसरी इमारत के ऊपर जा गिरी। इस हादसे में दोनों इमारतों में मौजूद करीब 9 लोगो की दबकर मौत हो गई जबकि लगभग 50 लोग घायल गए थे।