पुणे :24 साल की सुचित्रा पुणे के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए कर रही हैं। वह पुलिस सुरक्षा में अपनी परीक्षा देंगी। सुचित्रा कोई वीआईपी नहीं बल्कि एक सामान्य नागरिक हैं। दरअसल उन्हें पुलिस सुरक्षा इसलिए मिली है, क्योंकि वह अपने घर से भागी थीं। वह अपने बचपन के दोस्त से शादी करना चाहती थीं लेकिन उनके माता-पिता राजी नहीं थे। सुचित्रा ने अपनी जान का खतरा बताया है इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है।
सुचित्रा महार समुदाय की हैं जबकि युवक नीलेश मराठा हैं। दोनों जब 13 साल के थे तब से दोनों एक दूसरे को जानते हैं। दोनों के घरवालों को उनका रिश्ता मंजूर नहीं था। सुचित्रा के परिवार ने उनका मोबाइल छीन लिया और घर में कैद कर दिया। यही नहीं निगरानी के लिए एक शख्स को नियुक्त कर दिया गया।
सुचित्रा ने बताया कि दोनों ने 2014 में गुपचुप शादी कर ली लेकिन घरवालों से यह बात छिपाकर रखी। उनकी शादी के एक महीने बाद ही सुचित्रा के परिवार ने उनके लिए एक लड़का देखा। लड़का आईआरएस अधिकारी था। सुचित्रा ने शादी से इनकार करते हुए कहा कि वह सिर्फ नीलेश के साथ शादी करेंगी। उसके बाद परिजनों ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
दोनों ने इसके बाद घर से भागने का फैसला लिया। इसके बाद सुचित्रा के पिता ने नीलेश और उनके परिजनों पर उनकी बेटी के अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने नीलेश के घरवालों को नोटिस भेजा। नोटिस मिलने के बाद दोनों थाने गए और पुलिस को बयान दिया। 20 मई को सुचित्रा के पिता ने उसे फोन करके सवारगेट पर मिलने बुलाया। वह उनसे मिलने गईं तो कुछ नकाबपोश लोगों ने उसे खींचकर ऑटो रिक्शा में डालने का प्रयास किया। वह किसी तरह वहां से भाग निकलीं।
एमबीए कर रहीं सुचित्रा 29 मई को अपने परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ी थीं तभी उनका भाई कुछ अज्ञात लोगों के साथ आया और उन्हें खींचने का प्रयास किया। सुचित्रा ने कैंपस के अंदर भागकर खुद को बचाया।
सुचित्रा ने बताया कि कुछ देर बाद नीलेश कार से आया और दोनों आगे बढ़े तो बाइक और ऑटो में सवार लोगों ने उनका पीछा किया। लगभग डेढ़ घंटे पीछा करने के बाद उन लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। हालांकि, वे वहां से फिर भाग निकले। जब पुलिस को आकर पूरी बात बताई तो पुलिस ने सुचित्रा को परीक्षाएं खत्म होने तक सुरक्षा का आश्वासन दिया है।