वाराणसी। सड़कों का जाल और हवाई यात्रा की सुविधा के बाद अब जलमार्ग से भी काशी की यात्रा सुगमता से होने लगी है। विदेशी सैलानियों को लेकर कोलकाता से चला राजमहल क्रूज मंगलवार को वाराणसी के रामनगर बंदरगाह पर पहुंच गया है।
इससे 18 पर्यटकों का दल कोलकाता, पटना, गाजीपुर के रास्ते होकर को बनारस पहुंचा। सोमवार को दल गाजीपुर में रहा। मंगलवार को राजमहल वाराणसी के गंगा सीमा पर प्रवेश किया है। पर्यटक श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने के सारनाथ और विंध्य क्षेत्र भ्रमण पर जाएगा।
असम बंगाल नेविगेशन कंपनी के जीएम कुनाल सिंह ने बताया कि देसी-विदेशी सात दिनों के लिए आएं हैं। एमवी राजमहल में 13 ब्रिटिश, तीन जर्मन और दो भारतीय पर्यटक हैं। एमवी राजमहल दो सितंबर को पटना से बनारस के लिए चला है।
दल वाराणसी पहुंचने के बाद भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ में पुरातात्विक धरोहर देखेंगे। इसके बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, गंगा आरती और बनारस की गलियों का भी आनंद उठाएंगे। पर्यटकों का दल रामनगर फोर्ट और चुनार का किला भी देखेगा। जल मार्ग से आया पर्यटकों का ये दल नौ तारीख को हवाई मार्ग से अपने गंतव्य को रवाना हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि एमवी राजमहल में कुल 22 कमरे हैं, जिसमे 40 लोग रह सकते हैं। कमरों के अलावा डाइंनिग हाल, सनडिक, सलून आदि की व्यवस्था है।