वाराणसी: माँ गंगा के किनारे श्री काशीविश्वनाथ धाम का विकास ,विस्तार और सौंदर्यीकरण का काम शिव भक्तों की सुविधा और सुगम दर्शन के लिए किया गया है। भगवान शंकर के आनंदकानन में विभिन्न धार्मिक कार्यो व सुविधा के लिए अलग -अलग भवनों का निर्माण हुआ है। इनमें यात्री सुविधा केंद्र महत्पूर्ण और उपयोगी है। यहाँ सुरक्षा ,लाकर ,टिकट काउंटर ,पूजन सामग्री ,से लेकर श्रद्धालुओ के लिए तमाम सुविधाएं होंगी। यात्री सुविधा केंद्र दिव्यांगों के अनुकूल बना है। विश्वनाथ धाम में तीन यात्री सुविधा केंद्र बनाए गए है।
बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रधान ज्योतिर्लिंग की मान्यता श्री काशी विश्वनाथ की है। विशेश्वर की महिमा पूरे विश्व में है। पूरी दुनिया से शिव भक्त काशी आते है। और बाबा के दरबार में जाते है। अभी तक सकरी गलियों से गुजर कर मंदिर तक जाना पड़ता था। सुविधाओं का काफ़ी आभाव था। अहिल्याबाई होल्कर के विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के 352 वर्षो बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परिसर का विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण कराए है। जिससे शिव भक्तो को बाबा के दरबार में पहुंचने में सुगमता हो।
वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में तीन यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण हो रहा है। इनमे गोदौलिया गेट और सरस्वती फाटक पर स्थित यात्री सुविधा केंद्र काफ़ी महत्वपूर्ण है। श्रद्धालु जैसे ही यात्री सुविधा केंद्र में पहचेंगे । सुरक्षा जाँच होने के बाद अंदर जा सकेगा। यही पर लॉकर की सुविधा होगी जहा यात्री अपना सामान सुरक्षित रख सकेंगे। यही पर सूचना काउंटर ,हेल्प डेस्क ,टिकट काउंटर ,शौचालय बना है , पूजा और प्रसाद के लिए दुकानें होंगी। रैंप का भी निर्माण किया गया है। यात्री सुविधा केंद्र को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया गया है। निशुल्क,ऑन लाइन बुकिंग, दैनिक, सुगम दर्शन सभी तरह के श्रद्धालु का प्रवेश यहाँ से होगा।
सुरक्षा के लिए वाच टावर भी होगा। यात्री सुविधा केंद्र में करीब पांच हज़ार लोग कतार बद्ध हो सकते है। यात्री सुविधा केंद्र एक का निर्मित क्षेत्र लगभग 1076 वर्गमीटर है। भूतल प्लस एक मंजिल का है। यात्री सुविधा केंद्र दो का निर्मित क्षेत्र लगभग 2859 वर्गमीटर क्षेत्र में किया जा रहा है। ये भूतल प्लस दो मंजिल का है। यात्री सुविधा केंद्र तीन 878 वर्गमीटर में निर्मित होगा ये भी भूतल प्लस दो मंजिल है। यहाँ कुछ कार्यालयों के साथ ही लॉकर की सुविधा होगी।