कजान: फ़्रांस की टीम ने शनिवार को विश्व कप के ग्रुप ‘सी’ के मुकाबले में आस्ट्रेलिया को 2 – 1 से हराकर टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत की। हालांकि फ्रंसीसी टीम के महत्वपूर्ण स्ट्राइकर एंटोनी ग्रीजमैन के लिए यह विश्व कप यादगार बन गया क्योंकि वह वीडियो सहायक रेफरी सिस्टम (वार) के माध्यम से पेनाल्टी पाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। ग्रीजमैन और पोल पोग्बा ने एक-एक दागे जबकि कंगारुओं के लिए जॉन जेदीनाक ने एकमात्र किया।
पहले हाफ में दोनों टीमों के खिलाड़ियों के पास एक-एक गोल करने का मौका मिला लेकिन दोनों ही इसका फायदा नहीं उठा पाए। दूसरे मिनट में फ्रंसीसी खिलाड़ी कैलियन एमबापे के पास बॉक्स के अंदर से गोल करने का मौका था लेकिन वह गेंद को तेजी से हिट नहीं कर सके और कंगारू टीम के कीपर मैथ्यू रियान ने इसका अच्छा बचाव किया।
दूसरे हाफ में की टीम ने आक्रामक रणनीति अपनाई। विश्व कप में पहली बार शामिल किए वार सिस्टम का फायदा फ्रंसीसी टीम को मिला। फीफा विश्व कप में ग्रुप सी के मुकाबले में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। उरूग्वे के रेफरी आंद्रेस कुन्हा ने पिच के किनारे से मॉनिटर हो रही वीडियो रेफरी की मदद से रिव्यू में पाया कि ग्रिजमैन को आस्ट्रेलिया के राइट बैक जोश रिस्डन ने बॉक्स में गिराया है जिसके बाद फ्रांस को पेनल्टी दी गयी और ग्रिजमैन ने 58वें मिनट में इसे भुनाते हुये अपनी टीम को 1-0 से बढ़त दिला दी।
हालांकि सैमुअल उमतिती के हैंडबॉल के कारण चार मिनट बाद ही आस्ट्रेलिया को भी पेनल्टी मिल गयी जिसपर उसके कप्तान माइल जेदिनाक ने बराबरी का गोल कर दिया। वार तकनीक लेकिन फिर से फ्रांस की मददगार साबित हुई और 81वें मिनट में पोल पोग्बा के गोल पर रिव्यू लेना पड़ा। वीडियो रेफरी ने रिव्यू में पाया कि पोग्बा का गोल वैध था और गेंद बॉक्स के अंदर टप्पा खाने के बाद बाहर आ गयी। इसी के साथ फ्रांस ने 2-1 की बढ़त के साथ मैच जीत लिया।