आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पैतृक आवास रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय का लोकार्पण राज्यपाल राम नाइक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की दोपहर किया।
भव्य आयोजन के बीच बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल व मुख्यमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं ललिता शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण भी किया। लंबे समय से पूर्व प्रधानमंत्री के आवास को संग्रहालय का रूप देने की तैयारियां चल रही थीं।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यो का गुणगाण किया। कहा कि इस देश को खाद्यान के मामले में आत्म निर्भर करने का हो, या फिर 1965 की जंग में गौरवशाली जीत का। इसमें लाल बहादुर शास्त्री जी को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये शास्त्री स्मृति लोगों को प्रेरणा देने का काम करेगा।
सीएम ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री गरीब परिवार से थे। वो शिक्षा ग्रहण करने के लिए यहां से काशी गंगा नदी को पार करके जाते थे, लेकिन कभी भी इस मुश्किल को उन्होंने अपने मार्ग में बाधा नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री की दुखद मृत्यु के बाद क्या कुछ घटित हुआ इस बारे में समाज और देश जानना चाहता है।
उन्होने कहा कि 2 अक्टूबर को शास्त्री जी की 114 वी जयंती है मैंने इसीलिए परिवार के सदस्यों से अनुरोध किया था कि इससे पहले स्मृति भवन संग्रहालय के लोकापर्ण का कार्यक्रम हो जाए। क्योंकि हम लोगों ने इस बात की व्यवस्था की है शास्त्री जी की जयंती के दिन उत्तर प्रदेश शास्त्री भवन में शास्त्री जी के भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम तो इस देश के प्रति शास्त्री जी का योगदान कभी भूला नहीं जा सकता।
इस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र सुनील शास्त्री व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ ही बतौर विशिष्ट अतिथि संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी भी शामिल हुए।