आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फ़इटर खुद ही आग को करेंगे कंट्रोल
परिसर के किसी भी भवन में आग लगते ही उस पर मिनटों में पाया जा सकता है काबू
रत्नेश राय
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नव्य और भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में शिव भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रिकॉर्ड संख्या में दर्शनार्थियों के आमद से उनकी सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अग्नि सुरक्षा के अत्याधुनिक उपकरणों से धाम को लैस कर दिया है। आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फ़इटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे। परिसर के किसी भी भवन में आग लगते ही उस पर मिनटों में काबू पाया जा सकता है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण के बाद कुल लगभग 50,280.00 वर्ग मीटर में फ़ैल गया है। धाम में शिव भक्तो की तादाद रोज़ाना बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में नव निर्मित भवनों में व्यवसाईक गतिविधिया भी शुरू होंगी। साथ ही मुमुक्षु भवन ,गेस्ट हाउस,म्युज़ियम ,लाइब्रेरी ,जलपान गृह आदि का सञ्चालन शुरू होगा इसको देखते हुए अग्नि शमन विभाग ने अग्नि सुरक्षा के सभी उपाय कर लिए है।
मुख़्य अग्नि शमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में मंदिर समेत सभी नव निर्मित भवनों की सुरक्षा के लिए अग्निशमन विभाग ने अत्याधुनिक उपकरणों लगाए है। आग लगने पर तत्काल अत्याधुनिक तकनीक के फायर फ़ाइटर खुद ही आग को कंट्रोल करेंगे। उन्होंने बताया कि क़रीब 1,45,000 लीटर का वाटर टैंक मंदिर परिसर में है। अत्याधुनिक पंप लगे है। जिसमे जॉकी पंप ऑटो मोड में रहता है। आग की भनक पाते ही ये स्वतः चालू हो जाता है। जरुरत पड़ने पर इलेक्ट्रिकल पंप भी खुद ही स्टार्ट हो जाता है जो अधिक प्रेशर से पानी देता है। यदि किसी कारणों से ये दोनों पंप आग लगने पर नहीं चल पाते तो तीसरा डीज़ल पंप खुद चालु हो जाता है। इसके अलावा पूरे परिसर में 96 फायर हाइड्रेंट लगे है। जिसमे एक्सटर्नल 41 और इंटरनल 55 फायर हाइड्रेंट और 494 स्मोक डिटेक्टर , 46 हीट डिटेक्टर लगे है। इसके अलावा अलग तरह के करीब 224 फायर एक्सटिंग्विशर भी परिसर में लगे है।
चीफ फायर ऑफ़िसर ने बताया कि सुरक्षा के लिए लगे 162 सीसीटीवी कमरे से कण्ट्रोल रूम में निगरानी भी होती रहती है। साथ ही अग्नि शमन कर्मचारी फायर पैनल पर भी नज़र रखते है। जिसे आग लगने वाली सही जगह की पहचान हो सके और आग पर तुरंत नियंत्रण किया जा सके। इसके अलावा विभाग के पास पोर्टेबल पंप है जिससे गंगा से सीधे पानी लिया जा सकता है।