आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: जब कभी संवेदना, वफादारी और दोस्ती की बात आती है, तो आज के दौर में इंसान से ज्यादा पशु, पक्षी और जानवरों के उदाहरण देखने को मिलते हैं। इनकी संवेदना, वफादारी, इंसानों से मुकाबले कहीं ज्यादा है।
दरअसल बीएचयू परिसर में आयुर्वेद विभाग के पास चाय की दुकान चलाने वाले राम जतन साहनी उर्फ रामू (65) की सोमवार देर रात सोते समय ईट से सिर कूंच कर हत्या कर दी गई। लेकिन इसके साथ ही भावुक कर देने वाला मामला यह रहा कि रामू का पालतू मोर शव के पास घंटों बैठा रहा।
हटाने पर भी नहीं हटा-
घटना स्थल पर जुटे लोगों के मुताबिक, मोर अपने मालिक की मौत से इतना दु:खी था कि वहां से हटने का नाम नहीं ले रहा था। यहां तक कि जब बीएचयू के सुरक्षाकर्मी मोर को हटाने के लिए डंडा पटका फिर भी नहीं हटा। जब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तब मोर उड़कर कहीं चला गया।
भूखा-प्यासा न लौटे कोई पंछी-
रामू को पशु पक्षियों से काफी लगाव था। वो पंछियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था हमेशा करते थे। हर दिन उनकी दुकान पर दाने-पानी की तलाश में आने वाले पंछियों से लेकर इस मोर तक का पेट भरता था। इनके आने पर रामू ब्रेड और नमकीन बिखेर देते थे। उद्देश्य यही होता था कि दाने-पानी की तलाश में कोई पंछी उड़ता हुआ दुकान पर आए तो यहां से भूखा-प्यासा न लौटे।
फिलहाल आज के समय में जब इंसान की संवेदनाएं खतम होती जा रही है तो वही इस मोर का रामू के प्रति प्रेम सोचने को मजबूर कर देता है……