काशी में छह और प्रमुख घाटों पर फ्लोटिंग जेटी चेंजिंग रूम का हो रहा निर्माण

गंगा में स्नान के बाद कपड़े बदलने के लिए उचित स्थान न होने से परेशान होते थे श्रद्धालु 

दशाश्वमेध घाटों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फ्लोटिंग जेटी पर चेंजिंग रूम के कामयाब होने के बाद वाराणसी स्मार्ट सिटी इसे और घाटों पर लगवा रही

रत्नेश राय

वाराणसी: दशाश्वमेध घाट पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फ्लोटिंग जेटी पर चेंजिंग रूम के कामयाब होने के बाद इसे अन्य घाटों पर भी लगवाया जा रहा है। योगी सरकार ने इसे ट्रायल के तौर पर दशाश्वमेध घाट पर लगाया था। अब वाराणसी स्मार्ट सिटी 6 और प्रमुख घाटों पर फ्लोटिंग जेटी चेंजिंग रूम बनवा रही है। इसमें से कुछ फ्लोटिंग जेटी चेंजिंग रूम बनकर तैयार हो गए हैं। काशी के घाटों पर गंगा स्नान करने के बाद महिलाओं और पुरुषों को कपड़ा बदलने में असहज़ महसूस करते थे। घाटों पर जगह न होने से इसे फ्लोटिंग जेटी पर बनाया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। 

काशी में दर्शन ,धार्मिक यात्रा और गंगा स्नान का विशेष महात्म्य है। यहां दर्शन-पूजन करने वालों की तादाद काफी है। पहले की सरकारों ने श्रद्धालुओं की आस्था और उनकी मूलभूत सुविधा पर ध्यान ही नहीं दिया। गंगा में स्नान करने के बाद कपड़े बदलने के लिए उचित स्थान न होने से श्रद्धालु काफी परेशान होते थे पर योगी सरकार छोटी-बड़ी सभी समस्याओं पर ध्यान रखते हुए तुरंत समाधान करती दिख रही है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि 6 प्रमुख घाटों पर फ्लोटिंग जेटी पर चेंजिंग रूम का निर्माण कार्य है। राजेंद्र प्रसाद घाट, शिवाला घाट, पंचगंगा घाट और अस्सी घाट पर फ्लोटिंग चेंजिंग जेटी रूम बनकर तैयार हो गया है। दशाश्वमेध व अस्सी घाट का फ्लोटिंग जेटी चेंजिंग रूम शुरू हो चुका है।

मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि दशाश्वमेध घाट पर पहले से ही फ्लोटिंग जेटी पर चेंजिंग रूम पायलट प्रोजेक्ट की तौर पर बनाया गया था। अब 5.39 करोड़ की लागत से राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट, शिवाला घाट, केदार घाट, पंचगंगा घाट तथा राज घाट पर फ्लोटिंग जेट्टी चेंजिंग रूम के निर्माण कार्य में से  राजेंद्र प्रसाद घाट, शिवाला घाट, पंच गंगा घाट और अस्सी घाट पर फ्लोटिंग जेटी चेंजिंग रूम बन कर तैयार हो चुका है। इस जेटी पर 10 महिला और 10 पुरुषों के लिए चेंजिंग रूम की सुविधा होगी। इस जेटी की ख़ास बात ये भी होगी की जेटी से नाव पकड़ने के लिए अलग से रास्ता होगा।