कोरोना: तीसरी लहर में जान गंवाने वाले 60% मरीजों ने नहीं ली वैक्सीन, सर्वे में दावा

कोरोना की ‘तीसरी लहर’ के दौरान मरने वालों में 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिन्होंने या तो एक भी वैक्‍सीन नहीं ली थी या फिर कोरोना वैक्सीन की सिर्फ एक ही डोज ली थी। यह बात एक प्राइवेट अस्पताल के अध्ययन में सामने आई है। मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए अध्ययन में बताया गया है कि तीसरी लहर के दौरान दर्ज की गई मौतों में ज्यादातर लोग 70 साल से ज्यादा उम्र के थे।

दरसअल, मैक्स हेल्थकेयर ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा है कि पिछले साल अप्रैल से मई के दौरान कोरोना संक्रमित चार में से तीन व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी। पहली लहर के दौरान जितने लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उनमें से 63 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया था जबकि पिछले साल दूसरी लहर के दौरान 74 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी।

इतना ही नहीं पहली और दूसरी लहर से तुलना करें तो इस बार सिर्फ 23.4 प्रतिशत मरीजों को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। मौजूदा लहर में कोरोना से मरने वालों में 60 प्रतिशत लोगों ने या तो सिंगल डोज लिया था या फिर वे अनवैक्सीनेटेड थे। मृतकों में ज्यादातर की आयु 70 साल से ज्यादा थी और उनमें से कई डायबिटीज, कैंसर, किडनी या दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार थे।

मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक संदीप बुद्धिराजा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि अध्ययन से दो महत्वपूर्ण बिंदु देखे गए हैं। एक यह है कि इस लहर के दौरान अस्पताल में कुल एंट्री बहुत कम रही है। दूसरा बिंदु यह है कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में भर्ती हुए कुल मरीजों में से लगभग 70 से 80 प्रतिशत को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी। जबकि इस लहर में कुल भर्ती में से केवल 20 से 30 प्रतिशत को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हुई।

यह अलग बात है कि इस बार भी संक्रमित लोगों की संख्या उतनी ही है लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या पहली और दूसरी लहर की तुलना में बहुत कम है। दिल्ली में दूसरी और तीसरी लहर के दौरान लगभग 28 हजार मामले रोजाना आए। अगर इस लिहाज से देखें तो अस्पतालों में दूसरी लहर के दौरान यानी पिछले साल 2000 मरीज रोजाना आए जबकि इस बार सिर्फ 415 मरीजों की भर्ती अस्पतालों में हुई।

कोरोना की पहली लहर में मृत्यु दर का आंकड़ा 7.2 फीसदी रहा जो कि दूसरी लहर में बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो गया। जबकि मौजूदा लहर में यह आंकड़ा 6 फीसदी दर्ज किया गया है। कोरोना वैक्सीनेशन होने के कारण मौत के आंकड़ों में कमी आई है।